विहिप के कार्यक्रम में योगी ने कहा, इतिहास को विकृत करने वालों को बेनकाब करने की है जरूरत

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कार्यक्रम में योगी आदित्यानाथ का स्वागत करते विहिप के लोग। फोटो- आरयू

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ आज विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के हिन्दू विजयोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्‍य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जहां उन्‍होंने आरएसएस के कार्यो की भी सराहना की। कन्‍वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में उन्‍होंने कहा कि आरएसएस निस्‍वार्थ भाव से देश की सेवा कर रहा है, लेकिन कुछ लोग सांप्रदायिक बताते है। साथ ही योगी ने महाराजा सुहेलदेव समेत कई महान हस्तियों का इतिहास से साजिश के तहत नाम हटाए जाने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि इतिहास को विकृत करने वालों को बेनकाब करने की जरुरत है।

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उन्‍होंने इतिहास के करीब हजार साल पहले की घटना जिसमें सैयद सालार मसूद गाजी जैसे विदेशी आक्रांता का खात्मा हुआ था। उसका जिक्र करते हुए कहा कि सालार के खात्‍मे के अगले 150 साल तक विदेशी हमलावरों में डर बैठाने वाले महाराजा सुहेलदेव को एक साजिश के तहत भुला दिया गया। उन्होंने कहा कि कैसे इतिहास को तोड़-मरोड़कर राजनीतिक स्वार्थों के कारण समाज को बांटा गया है, यह किसी से छिपा नहीं है।

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कन्वेंनशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में उमड़ी भीड़। फोटो- आरयू

योगी ने दावा किया कि जिस दिन असल इतिहास सामने आ जाएगा, उस दिन देश उसे विकृत करने वालों को पहचानने लगेगा। उन्‍होंने कहा महापुरषों के नाम हटाने की साजिश आजादी के बाद से ही प्रारम्भ हो गयी थी।

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महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति एक साजिश के तहत दुष्प्रचार कर जिन लोगों ने इतिहास को विकृत किया है, उन्हें समाज के सामने बेनकाब किए जाने की जरुरत है, और हम इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे।

सीएम ने कहा कि महापुरुषों की प्रेरणा ही देश और धर्म की रक्षा कर पाती है। हमें हमारे महापुरषों से दूर कर हमारे स्वाभिमान को दबाया गया था। जो कौम अपने महापुरुषों के सम्मान की रक्षा नहीं कर सकती, वह गुलाम हो जाती है। उसके बाद न देश बच पाता है, न मंदिर बच पाता है और न ही धर्म बच पाता है।

योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार तो पहले ही घोषणा कर चुकी है कि महापुरुषों के नाम पर छुट्टी के बजाय स्कूलों में उनके बारे में बताया जाएगा, ताकि बच्चे उनके बारे में जान सकें। इसके साथ ही केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने बड़ी संजीदगी से काम करते हुए भारत के इतिहास को नई दिशा देने वाले और स्वाधीनता में योगदान करने वाले महापुरुषों के प्रति कृतज्ञ भाव जताते हुए उन्हें सम्मान देने की दिशा में काम शुरू किया है।

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इस दौरान योगी ने बिना किसी का नाम लिए तंज कसते हुए कहा कि कोई व्यक्ति बिना किसी सरकारी सहयोग के, केवल समाज की ही मदद से मलिन बस्तियों में काम करके लोगों के अंदर सम्मान का भाव पैदा करना चाहता है, तो कहा जाता है कि वह साम्प्रदायिकता फैला रहे हैं। देश के अंदर वास्तव में साम्प्रदायिकता पर चर्चा कर ली जाए, कि कौन साम्प्रदायिक है और कौन राष्ट्रवादी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश का कौन ऐसा नागरिक होगा, जो देश के महान सुपुत्रों का सम्मान न करता हो। जो डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के प्रति सम्मान का भाव न रखता हो। हमें यह भी तय करना होगा कि जो लोग महमूद गजनवी, अलाउद्दीन खिलजी, बाबर, औरंगजेब से खुद को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, क्या उनके लिए कोई स्थान होना चाहिए।

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इसके अलावा सीएम ने कहा कि उनकी सरकार समाज के हर तबके से सुझाव लेकर नया पाठ्यक्रम तैयार कराएगी और इतिहास से विस्मृत कर दिए गए महापुरषों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।