आरयू ब्यूरो,लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को लखनऊ में समग्र गंगा कार्यक्रम के दौरान गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए सरकार के प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मां गंगा के आध्यात्मिक, सामाजिक और आर्थिक महत्व को देखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नमामि गंगे परियोजना’ का शुभारंभ किया था। इस परियोजना ने भारत की नदी संस्कृति को पुनर्जीवित किया है।
योगी ने आगे कहा कि यूपी में गंगा को नदी को स्वच्छ बनाने के लिए कई बड़े कार्य किए गए हैं। साथ ही कहा कि पहले कानपुर में मां गंगा के हालात बहुत खराब थे। राज्य में गंगा नदी में गिर रहे सीवर और औद्योगिक कचरे के प्रवाह को रोकने के लिए सरकार ने 46 परियोजनाओं में से 25 को पूरा कर लिया है। शेष 19 में काम चल रहा है। हम इन योजनाओं को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं।
सीएम ने कहा कि दशकों पूर्व ‘गंगा एक्शन प्लान’ बना था, लेकिन गंगा प्रदूषित ही रही थी। हमने तकनीक से गंगा की निर्मलता, अविरलता को बनाया। हर भारतीय स्नान करते समय मां गंगा का स्मरण करता है। हमारा भी संकल्प होना चाहिए कि हम गंगा को गंदा नहीं करेंगे। योगी ने गंगा यात्रा कार्यक्रम में कहा कि मां गंगा हमारी समाजिक आस्था का प्रतीक है। गंगा को स्वच्छ बनाने में सरकार के साथ समाज आएगा तो सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि काशी में अब गंगा निर्मल मिलेगी। नमामि गंगे से पहले काशी में एसडीआरएफ के जवानों के शरीर पर लाल चक्कते पड़ जाते थे। अब गंगा में डॉल्फिन मिल जाती है।
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सीएम योगी ने कहा कि नदियों को साफ रखने के लिए हमें शव के जल प्रवाह से हमें दूर होना पड़ेगा। हमें लोगों को जागरूक करना होगा। गांव के सीवेज को नदी की तरफ नहीं मोड़ना है। योगी ने कहा कि गंगा यात्रा में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। गंगा किनारे नर्सरी, पार्क, घाट के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
आगे कहा कि गंगा यात्रा के अच्छे परिणाम आए थे। कोरोना के चलते उसमें कुछ कमी आई। सात राज्यों के गंगा पुत्र इस कार्यक्रम में आए हैं। गंगा, यमुना के तटों पर वृक्षारोपण करना है। प्राकृतिक खेती के लिए सब्सिडी, सहयोग और ट्रेनिंग देने का काम किया जाएगा।