आरयू वेब टीम। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का गुरुवार को भारत ने एक वारहेड के साथ सफलतापूर्वक अंतिम परीक्षण किया। परीक्षण सुबह 6:45 बजे राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में किया गया। नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल डीआरडीओ की स्वदेशी वारहेड की सूची में शामिल हो गई है, जो दुश्मन की नींद उड़ाएगी।
पिछले डेढ़ महीने में, डीआरडीओ का ये 12वीं मिसाइल का सफल सिस्टम परीक्षण है, जो मिसाइलों की मदद से लड़ाकू आवश्यकताओं को पूरा करता है। बीते दिनों डीआरडीओ प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने इस बारे में आगे के इरादे भी जाहिर कर दिए थे। उन्होंने एक बयान में कहा ताकि डीआरडीओ स्वदेशी मिसाइलों को तैयार करने में जुटा हुआ है। जल्द ही मिसाइल क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
बता दें कि यह लेटेस्ट मिसाइल बड़े टैंक्स को भी किसी भी मौसम में निशाना बना सकती है। कई खूबियों के अलावा इसमें इंफ्रारेड भी है, जो लॉन्च से पहले टारगेट को लॉक करता है। इसके बाद नाग अचानक ऊपर उठती है और फिर तेजी से टारगेट के एंगल पर मुड़कर उसकी ओर चल देती है। लक्ष्य भेदने की इसकी क्षमता काफी सटीक है।
यह भी पढ़ें- भारत ने किया ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण, पिन प्वाइंट लक्ष्य को आसानी से भेदा
सीमा पार जारी तनाव के बीच इन मिसाइलों का परीक्षण खासा अहम माना जा रहा है। हाल ही में, डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि संस्थान सेना के लिए स्वदेशी मिसाइलों को तैयार में जुटा हुआ है, ताकि मिसाइल क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
गौरतलब है कि इससे पहले भी नाग मिसाइल के कई अन्य ट्रायल हो चुके हैं। हर बात कुछ नया इसमें जोड़ा जाता रहा है। साल 2017, 2018 और 2019 में अलग-अलग तरीके की नाग मिसाइलों का परीक्षण हो चुका है। ये वजन में काफी हल्की होती है, लेकिन इसके बावजूद दुश्मन के टैंक समेत अन्य सैन्य वाहनों को सेकेंडों में समाप्त कर सकती है।
रक्षा अनुसंधान और विकास में स्टार्ट-अप और माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज सहित भारतीय उद्योग की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए एक दिन पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2020 का एक नया संस्करण जारी किया था।