आरयू वेब टीम। चांद की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा चेन्नई के इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यम ने ढ़ूंढ़ निकाला था। साथ ही इसकी जानकारी शनमुगा ने नासा और इसरो दोनों को ही दी। इंजीनियर शनमुगा ने कहा कि नासा ने उनके अलर्ट का जवाब दिया था। नासा ने मंगलवार को विक्रम लैंडर के मलबे की तस्वीर शेयर करते हुए इसकी जानकारी दी। साथ ही नासा ने इसके लिए शनमुगा सुब्रमण्यम को क्रेडिट भी दिया है।
मीडिया से बात करते हुए शनमुगा सुब्रमण्यम ने कहा, ‘मैंने लैंडर का मलबा ढूंढ़ा और इसके बारे में नासा और इसरो दोनों को जानकारी दी। केवल नासा ने इस पर ध्यान दिया। मुझे बहुत दुख है कि विक्रम लैंड नहीं कर पाया।’ साथ ही शनमुगा सुब्रमण्यम ने बताया कि केवल लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्शन के जरिए ही इसे खोज निकाला है।
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शनमुगा का कहना है कि वह लैंडर को खोज निकालने के अपने मिशन के लिए हर रोज सात घंटे काम करता था। सुब्रमण्यम ने कहा, ‘मैंने विक्रम लैंडर का संभावित मार्ग खोजने में कड़ी मेहनत की। मैं बहुत खुश हूं, बहुत मेहनत करनी पड़ी। मुझे हमेशा से अंतरिक्ष विज्ञान का शौक रहा है।
बता दें, अंतरिक्ष में रुचि लेने वाले एक भारतीय द्वारा अमेरिका के ऑर्बिटिंग कैमरा से चंद्रमा की तस्वीरों का निरीक्षण करने के बाद नासा ने कहा कि उसे भारतीय चंद्रयान-2 विक्रम लैंडर का दुर्घटनास्थल और मलबा मिला है। इस जगह का शनमुगा ने पता लगाया, जिन्होंने खुद लूनर रिकनाइसांस ऑर्बिटल कैमरा (एलआरओसी) से तस्वीरें डाउनलोड कीं। इसकी पुष्टि नासा और एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी ने सोमवार को की।
सुब्रमण्यम ने उस मलबे का पता किया, जिसकी तलाश वैज्ञानिक कर रहे थे और उन्होंने वैज्ञानिकों की वह जगह खोजने में मदद की, जहां विक्रम लैंडर क्रैश हुआ था। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगलवार को इसकी घोषणा की है कि विक्रम लैंडर का मलबा मिल गया है और जहां क्रैश हुआ, उस जगह की तस्वीर भी जारी की गई है। नासा ने अपने बयान में कहा, ‘शनमुगा ने सबसे पहले मैन क्रैश साइट से लगभग 750 मीटर उत्तर पश्चिम में मलबा देखा।’