आरयू वेब टीम।
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के बाद अब शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा कराने में कम से कम दो महीने का समय लगेगा। यदि एक से दो दिन में शासनादेश जारी होता है तो फरवरी अंत या फिर मार्च के पहले सप्ताह में परीक्षा की संभावना बन सकती है।
जानकारों के अनुसार शासनादेश जारी होने के बाद सॉफ्टवेयर बनाने और सिक्योरिटी ऑडिट समेत अन्य दूसरे कामों में भी 20 से 25 दिन का समय लगेगा। इसके बाद ऑनलाइन आवेदन लेने में कम से कम 20 दिन का वक्त और लग जाएगा। वहीं आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद परीक्षा केंद्रों के निर्धारण आदि में भी समय जाएगा। इस लिहाज से माना जा रहा है कि करीब दो महीने का समय बीत जाएग।
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दूसरी ओर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह का भी मीडिया से कहना है कि शासनादेश जारी होने के बाद भी शिक्षक भर्ती परीक्षा कराने में लगभग दो महीने का समय लग जाएगा।
वहीं सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में पदों का निर्धारण हो गया है। पूर्व में शासन को जो प्रस्ताव भेजा गया था उसमें कुछ कमी रह गई थी जिस पर बेसिक शिक्षा परिषद ने नये सिरे से पदों का निर्धारण करते हुए प्रस्ताव भेजा है।
सीतापुर, हरदोई व जौनपुर में हैं सबसे अधिक पद
प्रस्तावित भर्ती में सीतापुर, हरदोई और जौनपुर में सर्वाधिक दो-दो हजार पद खाली हैं। जबकि बदायूं में 1750, लखीमपुर व बहराइच में 1700-1700 के बलिया और कुशीनगर कुल 1600-1600 पद खाली हैं। वहीं बाराबंकी की बात करें तो यहां 1500, बिजनौर, गोंडा, बस्ती, बिजनौर व उन्नाव में 1400-1400 के अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में 1350 पद रिक्त हैं। इन सभी पदों पर भर्तियां होनी हैं।
इसके आलवा मथुरा, देवरिया व बरेली 1300-1300, मिर्जापर व फतेहपुर 1250-1250, महराजगंज व रामपुर 1200-1200, सिद्धार्थनगर, शाहजहांपुर, मौनपुरी में 1150-1150 जबकि सोनभद्र व अलीगढ़ में 1100-1100 पद हैं। बांदा में 1050 और बुलंदशहर, हमीरपुर, फर्रुखाबाद व आजमगढ़ में भी एक-एक हजार, इलाहाबाद व प्रतापगढ़ में 900-900 और कौशाम्बी में 700 पद खाली हैं। वहीं सबसे कम पदों की बात की जाएग तो गाजियाबाद का नाम सामने आता है, यहां मात्र दस पदों पर ही भर्ती होनी है।
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