आरयू वेब टीम।
देश में बनी धनुष तोप के सोमवार को सेना में शामिल होते ही भारतीय सेना को ‘देसी’ बोफोर्स मिल गई है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यह तोप सेना को मिली। बोफोर्स तोपों के बाद सेना तोपों की कमी से जूझ रही थी। पिछले वर्ष धनुष ने सेना में शामिल होने के लिए जरूरी अपना फाइनल टेस्ट पास किया था। धनुष एक 155 एम एक्स 45एमएम की क्षमता वाली तोप है और इसे देसी बोफोर्स भी कहते हैं।
जबलपुर स्थित गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में धनुष को तैयार किया गया है। एक तोप की कीमत करीब 14.50 करोड़ रुपए है तो वहीं इसका एक गोले की कीमत करीब एक लाख रुपए होगी। यह बोफोर्स व ऐसी अन्य तोपों की कीमत की आधी है। धनुष में कई ऐसे फीचर हैं जो वर्तमान में प्रयोग की जा रही बोफोर्स में नहीं हैं।
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धनुष का एक ट्रायल पोखरण में भी किया जा चुका है। यह इस तोप का सबसे बड़ा ट्रायल था। आर्मी 155 एमएम आर्टिलरी गन का इंतजार 30 वर्षों से कर रही है। धनुष के सेना में प्रवेश को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, क्योंकि यह भारत में निर्मित होने वाली लंबी रेंज की पहली तोप है। धनुष को सौंपने वाला समारोह आज आयोजित किया गया। गन कैरिज फैक्ट्री में छह बंदूक प्रणालियों को पेश किया गया।
जानें धनुष तोप की विशेषताएं
धनुष तोप के बैरल का वजन 2692 किलो है और इसकी लंबाई आठ मीटर है। इसकी मारक क्षमता 42-45 किलोमीटर तक है। इसके भारतीय सेना में शामिल होने से सीमा पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। धनुष तोप लगातार दो घंटे तक फायर करने में सक्षम है और यह प्रति मिनट दो फायर करती है। इसमें 46.5 किलो का गोला प्रयोग किया जाता है।
Jabalpur: Dhanush artillery gun inducted in Indian Army; #visuals from the handing over ceremony. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/6iRuWryznQ
— ANI (@ANI) April 8, 2019