आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। भाजपा द्वारा जारी घोषणापत्र को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला है। मायावती ने संकल्प पत्र को जनता को बरगलाने की कोशिश बताते हुए कहा है कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि ‘भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में जिस लापरवाही, अलोकतांत्रिक और गैर-जिम्मेदाराना ढंग से भ्रामक तथा लुभावने वादे करके देश की आम जनता को गुमराह करने का प्रयास किया था, ठीक उसी तरह से यह पार्टी एक बार फिर घोषणा पत्र के माध्यम से जनता को बरगलाने की कोशिश कर रही है, लेकिन काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है।
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मायावती ने भाजपा सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि ‘वास्तव में घोर चुनावी वादाखिलाफी और जनता से विश्वासघात करने वाली भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार को नया घोषणा पत्र जारी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है और उन पर विश्वास करना तो बहुत दूर की बात है।
बसपा मुखिया ने कहा कि अपनी घोर वादाखिलाफी और जनविश्वासघात के लिए मोदी सरकार को सबसे पहले जनता से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने साल में सिर्फ धन्नासेठों के लिए ही काम किया है।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘वास्तव में सत्ताधरी भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नया चुनावी घोषणा पत्र के बजाए उन्हें पिछले चुनावी वादों के संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट जारी करनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा करने की हिम्मत उनमें है ही नहीं है।
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बसपा सुप्रीमो ने कहा कि वैसे भी कुछ मुट्ठी भर बड़े पूंजीपतियों के अच्छे दिन को छोड़कर देश की 130 करोड़ आम जनता को पांच साल के बाद भी उस वादे वाले अच्छे दिन और 15 से 20 लाख रुपये बैंक खाते में आने का इंतजार है, जिसका वादा मोदी ने देश के गरीबों से किया था।