आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बीते दिनों भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड और पसमांदा मुसलमानों को लेकर बयान दिया है। जिसके बाद से दोनों ही मुद्दों पर सियासत तेज हो गई है। अब इसपर बसपा मुखिया मायावती ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ’पसमांदा मुसलमान पिछड़े, शोषित’ हैं। ये उस कड़वी जमीनी हकीकत को स्वीकार कर भाजपा को इनके आरक्षण का विरोध भी बंद करने की जरूरत है।
इस संबंध में मायावती ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से ट्वीट कर कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा भोपाल में भाजपा के कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर यह कहना कि भारत में रहने वाले 80 प्रतिशत मुसलमान ’पसमांदा, पिछड़े, शोषित’ हैं, यह उस कड़वी जमीनी हकीकत को स्वीकार करना है, जिससे उन मुस्लिमों के जीवन सुधार हेतु आरक्षण की जरूरत को समर्थन मिलता है।
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वहीं अपने दूसरे ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अब ऐसे हालात में भाजपा को पिछड़े मुस्लिमों को आरक्षण मिलने का विरोध भी बंद कर देने के साथ ही इनकी सभी सरकारों को भी अपने यहां आरक्षण को ईमानदारी से लागू करके तथा बैकलॉग की भर्ती को पूरी करके यह साबित करना चाहिए कि वे इन मामलों में अन्य पार्टियों से अलग हैं।
बता दें कि पीएम मोदी ने अपने मिस्र दौरे का जिक्र करते हुए कहा था कि मुस्लिम धर्म के पसमांदा समुदाय को इतना शोषण किया गया है, लेकिन इसकी कभी चर्चा नहीं होती है। उनकी बातें सुनने के लिए भी कोई तैयार नहीं होता है। पसमांदा मुसलमानों को आज भी बराबरी का दर्जा नहीं मिला है।