आरयू वेब टीम। हमें एक तरफ देशवासियों का जीवन भी बचाना है तो दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को भी स्थिर करना है, उसे गति देनी है। इस स्थिति में आपने “गेटिंग ग्रोथ बैक” की बात शुरू की है और निश्चित तौर पर इसके लिए आप सभी, भारतीय उद्योग जगत के लोग बधाई के पात्र हैं। मुझे भारत की क्षमता, प्रतिभा और प्रौद्योगिकी एवं नवाचार पर भरोसा है। मुझे किसानों, एमएसएमई और उद्योग दिग्गजों पर भरोसा है। इसलिए मैं यकीन से कह सकता हूं कि देश वृद्धि के रास्ते पर लौटेगा
उक्त बातें मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के वार्षिक सत्र को संबोधित कर कही। पीएम मोदी ने कहा कि एक बार देश के सामने ‘आत्मनिर्भर भारत’ का खाका पेश किया। वहीं भारत को फिर से तेज विकास के पथ पर लाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए पांच आइ की जरूरत है। ये इंटेंट, इंक्लूजन, इंवेस्टमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के बीच हमें देश के लोगों के जीवन को तो बचाना है साथ ही अर्थव्यवस्था को स्थिर भी करना है।
मोदी ने आगे कहा कि किसान अब अपनी शर्तों पर किसी भी राज्य में फसल को बेच सकता है। अब इलेक्ट्रोनिक ट्रेडिंग के जरिए से फसल को बेचा जा सकता है। इससे कई नए रास्ते खुलने जा रहे हैं। इसी तरह हमारे श्रमिकों को ध्यान में रखते हुए लेबर रिफॉर्म भी किए जा रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि एमएसएमई की परिभाषा स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था, वो पूरी हो चुकी है। इससे एमएसएमई बिना किसी चिंता के आगे बढ़ पाएंगे और उनको स्टेट्स बनाए रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की जरूरत नहीं रहेगी।
गौरतलब है कि लॉकडाउन-पांच में अनलॉक-वन के लागू होने के बाद अर्थव्यवस्था पर प्रधानमंत्री का ये पहला भाषण है। उन्होंने आगे कहा रोजाना अब देश में तीन लाख पीपीई किट बनाई जा रही हैं। तीन महीने के अंदर ही सैकड़ों करोड़ की इंडस्ट्री खड़ी कर दी गई है। इतना ही नहीं इस बीच 74 करोड़ लोगों के घर राशन पहुंचाया गया है। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को आठ करोड़ से ज्यादा गैस सिलेंडरों को उनके घरों तक फ्री में पहुंचाया है। इसके अलावा प्राइवेट सेक्टरों के कर्मचारियों के खातों में ईपीएफ में सहायता की है।