आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली बहराइच की भाजपा सांसद सावित्री बाई फूले ने बुधवार को एक बार फिर सरकार पर निशाना साधने के साथ ही दलितों पर अत्याचार होने की बात कही है। लखनऊ के प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेसवार्ता में सांसद ने अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज से पहले दलित समाज कभी इतना क्रोधित और आतंकित नहीं रहा। प्रेसवार्ता में जहां उन्होंने दलितों के हित और उन पर हो रहे अत्याचार की बात की, वहीं अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्ग के लिए मोदी सरकार से कई मांगें उठायी हैं।
योगी सरकार के साथ ही मोदी सरकार पर भी निशाना साधते हुए सावित्री बाई ने कहा कि वर्तमान में यूपी के साथ ही देश भर में नियोजित एवं संगठित रूप से मनुवादी ताकतों एवं सरकारों के द्वारा बहुजन समाज की आकांक्षाओं को धूल धुसरित करने के लिए प्रशासनिक आतंक का सहारा लिया जा रहा है, लेकिन अब दलित समाज किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।
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वहीं दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा को लेकर भाजपा सांसद ने कहा कि दलित संगठनों द्वारा भारत बंद का शांतिपूर्ण आहवान, बहुजन आंदोलन एवं आक्रोश की चरम सीमा थी। वहीं इस दौरान जान गंवाने वालों को शहीद बताते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि शहीदों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए का मुआवजा देने के साथ ही सरकारी नौकरी दी जाए।
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वहीं उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्राइम ब्यूरो के आंकड़े के अनुसार भाजपा शासित राज्यों में दलितों पर अत्याचार उत्पीड़न एवं रेप की घटनाएं कई गुना बढ़ गयी है। इसे तत्काल रोकने के साथ ही दोषियों को कड़ी सजा दिलायी जाए।
सांसद ने भाजपा सरकार के सामने उठायी ये भी मांगें-
भारत की जातिय गणना तत्काल करायी जाए। जिससे विभिन्न जातियों की वर्तमान अनुपातिक संख्या का पता चल सके।
पिछड़े एवं अल्पसंख्यक समाज को भी प्रमोशन में आरक्षण दिया जाए, जिससे इनकों भी सेवाओं में समुचित प्रतिनिधित्व प्राप्त हो सकें।
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अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को आईटीआई, पॉलिटेक्निक, फार्मेसी, मेडिकल, इंजीनियरिंग, बीएड, डीएलएड जैसे व्यावसायिक कोर्सेज में जीरो बैलेंस पर दाखिला दिया जाए ताकि ये वर्ग भी व्यावसायिक शिक्षा से वंचित न रह सकें।
बहुजन समाज के बेगुनाहों पर होने वाले उत्पीड़न को तत्काल रोका जाये तथा उन पर द्वेष, ईर्ष्या एवं छल कपट से कराए गए। मुकदमें की जांच कराकर उन्हें तत्काल जेल से रिहा किया जाए।
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रक्षा एवं न्यायिक सेवाओं में भी दलितों, पिछडे़ वर्गो एवं अल्पसंख्यक समाज को भी आरक्षण प्रदान किया जाए।
अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़े वर्गों एवं अल्पसंख्यक समाज को भी प्राईवेट सेक्टर में आरक्षण दिया जाए।
सरकारी कंपनियों एवं संस्थाओं का बेहतर संचालन किया जाए न की उसका अनावश्यक निजीकरण कर बहुजन समाज को सेवाओं से बेदखल किया जाए।
इसके साथ ही बहराइच की सांसद ने अंत में कहा कि जब तक इस बहुजन आंदोलन को वह अंजाम तक नहीं पहुंचा लेती चैन से नहीं बैठेंगी।