आरयू वेब टीम। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस द्वारा गठित की गई एसआइटी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। साथ ही बृजभूषण ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया है। बृजभूषण के अलावा कुश्ती महासंघ के असिस्टेंट सेक्रेट्री विनोद तोमर के भी बयान दर्ज किए गए हैं। दिल्ली पुलिस की एफआइआर में विनोद तोमर भी आरोपित है।
बृजभूषण ने अपनी सफाई में कुछ वीडियो सबूत और मोबाइल डाटा जमा करने की बात कही है जो जल्द वो दिल्ली पुलिस को सौपेंगे। बता दें कि महिला डीसीपी के सुपरविजन में दस लोगों की टीम की एसआइटी बनाई गई है। इससे एक दिन पहले बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक नाबालिग का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया गया है।
दिल्ली की एक कोर्ट ने बुधवार को सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस से 12 मई तक स्थिति रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। याचिका में अनुरोध किया गया है कि जांच की निगरानी की जाए और कथित पीड़ितों के बयान अदालत के समक्ष दर्ज कराये जाएं।
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पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “नाबालिग महिला पहलवान का बयान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया गया है। शेष छह महिला पहलवानों के बयान भी जल्दी ही मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए जाएंगे।” दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 किसी मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज किए जाने से संबंधित है।
पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत नाबालिग शिकायतकर्ता सहित सभी सात महिला पहलवानों के बयान दर्ज किए हैं। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 पुलिस द्वारा गवाहों की जांच से जुड़ी है। दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने सिंह के खिलाफ दो FIR दर्ज की थी। सिंह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर देश के कई पहलवान 23 अप्रैल से यहां जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं।