आरयू ब्यूरो,लखनऊ। आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में लगे हुए हैं। इसी क्रम में मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने 18 मंडलों में से आधे पदाधिकारियों और जिलों के अहम जिम्मेदार नेताओं के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने जिलों में हो रहे प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी की सराहना की। साथ ही पोलिंग बूथ की कमेटियों के कार्यकलापों की तैयारियों की समीक्षा की।
साथ ही मायावती ने बैठक में विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा, विरोधी पार्टी बीएसपी में एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरने से काफी घबराई हुई है। प्रबुद्व के सम्मान, सुरक्षा व तरक्की अधिकार को लेकर विचार समिति के राज्य के जिलों में सफलता एक साथ पूर्ण भागीदारी ने इन्हें काफी बेचैन करके नींद उड़ा दी है। भाजपा की सरकार की जन विरोधी, युवा, किसान की कार्यशैली से यूपी समेत जनता का हाल हर जगह बेहाल हो गया है।
हरियाणा सरकार का रवैया बना किसान विरोधी
बैठम में मायावती ने पदाधिकारियों व कमेटियों के जिम्मेदारों को निर्देश देते हुए कहा कि बचे हुए कामों को युद्ध स्तर में पूरा किया जाए। साथ ही बसपा के बढ़ते जनाधार खासकर प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी की जिले-जिले में अपार सफलताओं से विरोधियों में खलबली मच गई। भाजपा भी यूपी से अपनी सत्ता जाते हुए देखकर घबड़ा गई है। इस दौरान बसपा मुखिया ने कहा कि हरियाणा सरकार का रवैया लगातार किसान विरोधी बना हुआ है। आंदोलित किसानों के साथ होने की सरकारी आदेशों को भी सही कराने का प्रयास किया जा रहा है, जो अतिनिंदनीय है। आंदोलित किसानों ने अब यूपी में भी अपनी सक्रियता और ज्यादा बढ़ाने की घोषणा की है। इसके मद्देनजर यूपी सरकार से आग्रह है कि वह हरियाणा व मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के किसानों के खिलाफ बर्बर व्यवहार न करें तो उचित होगा।
बीएसपी मूवमेंट के खिलाफ किया जा रहे कई किस्म के हथकंडे इस्तेमाल
बैठक में सभी को निर्देश देते हुए मायावती ने पूरी कमेटी व उन्हें कैडर स्तर के बैठकों के जरिए सभी को उनकी जिम्मेदारी पर जरूर ध्यान दिया जाए। उनके कार्यों की लगातार समीक्षा होती रहनी बहुत जरूरी है जिसकी रिपोर्ट से उन्हें भी अपडेट रखा जाए। खासकर आगामी विधानसभा आम चुनाव के मद्देनजर जिस प्रकार से कांग्रेस, भाजपा व समाजवादी पार्टी के द्वारा बीएसपी मूवमेंट व उनके नेतृत्व खिलाफ कई-किस्म के हथकंडे इस्तेमाल किया जा रहे हैं। उनका सामना करने के लिए पहले से ज्यादा बसपा को अधिक सजग रहना बहुत जरूरी हो गया है।
… देश हित में तुरंत वापस ले लेना चाहिए
इसके अलावा मायावती ने बैठक में किसान आंदोलन पर चिंता जताते हुए कहा कि, लगभग नौ महीने से खासकर दिल्ली व उसके आसपास के राज्यों में भी लगातार आंदोलन जारी है। किसानों के तीन कृषि बिल कानून की वापसी की मांग के प्रति केंद्र सरकार को अपना अड़ियल रवैया समाप्त कर इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए। इसे किसानों की मान सम्मान करते हैं और व्यापक देश हित में तुरंत वापस ले लेना चाहिए, बसपा की पुनः अपील है। सरकार को सलाह देते हुए बसपा मुखिया ने कहा कि वैसे भी किसानों को विश्वास में लिए बिना केंद्र सरकार को यह कानून नहीं बनाना चाहिए था। ऐसा करके बहुत बड़ी गलती की है, जिसका आवश्यक सुधार बहुत जरूरी हो गया है। केंद्र सरकार की इस प्रकार के अनुचित व अड़ियल रवैया के कारण ही बीजेपी शासित राज्य सरकारें भी किसानों को एक प्रकार से अपना प्रतिरोध मानकर व्यवहार करने लगी हैं।