बसपा के पूर्व विधायक समेत अन्य नेताओं को कांग्रेस में शामिल कर बोले अजय लल्लू, योगी सरकार को सत्‍ता से उखाड़ फेंकेगा निषाद समाज

पूर्व विधायक धीरेंद्र प्रसाद

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही नेताओं के दल बदल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शनिवार को इसी क्रम में पुवायां (शाहजहांपुर) से बसपा के पूर्व विधायक धीरेंद्र प्रसाद समेत कई अन्‍य नेताओं व उनके समर्थकों ने कांग्रेस पर भरोसा जताते हुए उसकी सदस्‍यता ली। इस मौके पर पूर्व विधायक के अलावा बरेली के जाने-माने चिकित्सक डॉ. रतन लाल गंगवार, डॉ. सतपाल सिंह, प्रसपा के नेता मुकेश अवस्‍थी और रिजवान अली समेत अन्‍य ने अपने साथियों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।

सदस्यता ग्रहण समारोह के बाद आयोजित प्रेसवार्ता में अजय कुमार लल्‍लू ने पार्टी में आए नए साथियों का स्‍वागत करते हुए कहा इन लोगों के कांग्रेस में आने से देश, लोकतंत्र और संविधान बचाने तथा शोषित, वंचितों के हितों के लिए कांग्रेस द्वारा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में किये जा रहे संघर्ष में और तेजी आयेगी। भाजपा सहित गैर कांग्रेसी दलों से लोगों का पूरी तरह मोहभंग हो चुका है और बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों और युवाओं का रूझान कांग्रेस के प्रति बढ़ रहा है।

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वहीं विरोधी दलों को निशाने पर लेते हुए प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में निषाद समुदाय को नदी, नाले, पोखरे, झील, मिट्टी, बालू के प्राकृतिक उपज का अधिकार दिया था, लेकिन सपा, बसपा सरकारों में उनके अधिकारों को छीन कंपनीराज स्थापित किया और आज उसी को आगे बढ़ाते हुए योगी सरकार ने नदी, नाले और मिट्टी से निषाद समुदाय के अधिकारों को छीन लिया। आज बड़ी-बड़ी कंपनियां नदी के खनिज लूट रही। जब निषाद समुदाय ने इसका विरोध किया तो सरकार ने क्रूर कार्रवाई करते हुए उनको मारा-पीटा और प्रताड़ित किया, लेकिन यह सरकार जान ले आने वाले चुनाव में यही निषाद समाज योगी सरकार का घमंड चूर कर उसे सत्ता से उखाड़ फेंकेगा।

मायावती द्वारा छला महसूस कर रहा जाटव समाज: धीरेंद्र प्रसाद 

वहीं आज कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूर्व विधायक धीरेंद्र प्रसाद ने कहा कि आज कांग्रेस और प्रियंका जी ही दलित, पिछड़ों और वंचितों की असली लड़ाई लड़ रही हैं। आज जाटव समाज पूरी तरह से बसपा और मायावती द्वारा छला महसूस कर रहा है। दलित समुदाय के बच्चों के वजीफे, विश्‍वविद्यालय में बच्चों के एडमीशन के सवालों सहित दलित समस्याओं का निराकरण करने में बसपा और मायावती जी की कोई दिलचस्पी नहीं है।