आरयू ब्यूरो, लखनऊ। आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचलें तेज हैं। इस बीच बसपा सुप्रीमो को तगड़ा झटका लगा है। 14 सालों से मायावती के ओएसडी रहे गंगाराम अंबेडकर ने रविवार को राजधानी लखनऊ में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आज अपने आधिकारिक सोशल मीडिया के अकाउंट के माध्यम से ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा कि मायावती के ओएसडी रहे गंगा राम, जनपद गाजीपुर के जहूराबाद विधानसभा के शिवपुरन सिंह चौहान, सपा छोड़कर एवं जनपद हरदोई के सवायजपुर विधानसभा के राज्यवर्धन सिंह राजू ने आज प्रातः कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली। आपका सभी का कांग्रेस पार्टी में हार्दिक स्वागत।
फिलहाल गंगाराम अंबेडकर मिशन सुरक्षा परिषद नाम के संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। गंगाराम अंबेडकर मायावती के महत्वपूर्ण सलाहकार में से एक रहे हैं। गंगाराम दलितों को देशभर में जोड़ने का अभियान चला रहे हैं। मायावती के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) गंगाराम अंबेडकर पिछले 14 सालों से मायावती के ओएसडी के रूप में काम कर चुकी हैं।
बसपा के बारे में कहा जाता है कि उसका कोर वोटबैंक कमोबेश अभी भी उससे जुड़ा हुआ है, लेकिन ये पूरा सच नहीं है। बसपा का कोर वोटबैंक भी दरक चुका है। पिछले तीन चुनाव के आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। बसपा को महज 22.23 फीसदी ही वोट मिले। एक-एक करके उसके सभी बड़े नेता पार्टी छोड़ते गये।
बता दें कि यूपी में 22 फीसदी के करीब दलित और 18 फीसदी मुसलमान वोटबैंक माना जाता है। दलितों में से दस फीसदी जाटव वोट है जो पूरा बसपा को मिलता रहा है। सीटों के हिसाब से उसे मुस्लिम वोट भी मिलता रहा है। इस बार हालात जुदा हैं। आशंका जाहिर की जा रही है कि इस बार 2022 के चुनाव में बसपा के वोट शेयर में और गिरावट आ जायेगी। दलित वोटबैंक में तो पहले ही सेंध लग चुकी है। अब जाटव वोटबैंक में भी सेंध की आशंका गहरा गई है।