सावधान! अब खुले में हल्‍के होते पकड़े गए तो देना होगा जुर्माना

खुले में मूत्र विसर्जन
प्रतीकात्मक फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। मौका मिलते ही अगर कही भी आपकी मूत्र विसर्जन करने समेत अन्‍य तरह की गंदगी फैलाने की आदत है तो सावधान हो जाइये, नहीं तो नगर निगम आपके मूत्र विसर्जन के रूप में दो सौ और अगर कही शौच करते पकड़े गए तो एक हजार रुपए बतौर जुर्माने के रूप में वसूल लेगा। इतना ही नहीं सड़कों समेत अन्‍य सार्वजनिक स्‍थलों पर कूड़ा, फेकने, जलाने व बिल्डिंग मैटीरियल और मलबा आदि फेंकन और रखने आदि जैसे कामों पर भी नगर निगम जुर्माना लगाएगा।

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दरअसल में सफाई-व्‍यवस्‍था सही से नहीं चला पाने के लिए बदनाम नगर निगम ने एक बार फिर शहर को साफ सुथरा बनाने का दावा किया है। नगर निगम अगर अपने दावे में कामयाब हो गया तो उसकी जेबें भरने के साथ ही शहर की सूरत तो संवरनें के अलावा लोगों की डर्टी हैबिट्स भी छूट जाएगी।

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नगर निगम के अधिकृत डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्टर को कूड़ा न देने पर एक हजार रुपए,

स्ट्रीट वेन्डर्स द्वारा डस्टबिन न रखने एवं जनित कूड़े को सड़क पर ही छोड़ देने पर एक हजार,

कूड़े को खुले सार्वजनिक स्थान, सड़क पर नाला/नाली, तालाब/नदी में फेंकने व कूड़ा जलाने पर पांच हजार रुपए,

भंडारा/ लंगर इत्यादि आयोजित करने वालों के द्वारा भंडारे के दौरान जनित होने वाले कूड़े को एकत्र करने के लिए समुचित डस्ट बिन्स की व्यवस्था न करने एवं पत्तल, दोने, थर्मोकोल प्लास्टिक प्लेट्स, कटोरे, गिलास आदि को सड़क पर फेंकने अथवा छोड़ दिए जाने पर पांच हजार रुपए,

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ऑटो मोबाइल (कार, मोटर साइकिल/स्कूटी) सर्विस सेंटर/स्पेयर पाट्र्स बेंचने वाले दुकानदारों द्वारा गाडिय़ों की मरम्‍मत के दौरान कोई भी कूड़ा, प्लास्टिक, पैकिंग मैटीरियल आदि सड़क पर छोडने पर पांच हजार रुपए,

होटल, रेस्टोरेंट, चाट, अंडा, नॉनवेज, चाय, समोसा, पकौड़ी, मिष्ठान, आइसक्रीम आदि बेचने वालों अथवा उनके ग्राहकों द्वारा सड़क पर कूड़ा फैलाने पर दुकानदारों पर पांच हजार रुपए,

खुले में शौच करने पर एक हजार रुपए,

खुले में मूत्र विसर्जन करने पर दो सौ रुपए,

सेप्टिक टैंक से क्लीनर मशीनों द्वारा एकत्रित सीवेज (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट/सीवेज पंपिंग स्टेशन) के अतिरिक्त अन्य सार्वजनिक स्थलों/ नालों/ नदियों में डालने पर दस हजार रुपए,

बिल्डिंग मैटीरियल/मलबा सार्वजनिक स्थल/सड़क पर डालने पर 50 हजार रुपए।

शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए नगर निगम अधिनियम की धारा के तहत अब शहर में कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विभिन्‍न अधिकारियों को जिम्‍मेदारी सौंप दी गई है।

उदयराज सिंह, नगर आयुक्त

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