आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की विशेष अदालत ने सोमवार को रंगे हाथ घूंस लेने के मामले इंडियन रेवेन्यू सर्विस (आइआरएस) अधिकारी अरविंद मिश्रा को छह साल की सजा सुनाई है। साथ ही उनके ऊपर डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 1999 में भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। तब वह लखनऊ के आयकर विभाग में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात थे।
1989 बैच के आईआरएस ऑफिसर अरविंद मिश्रा अगले साल रिटायर होंगे। फिलहाल, वह लखनऊ में ट्रेनिंग सेंटर में तैनात हैं। अरविंद मिश्रा की तरफ से मामले में कम से कम सजा देने की अपील की गई थी, उनके वकील ने कोर्ट से कहा कि अरविंद की उम्र 58 साल है। अरविंद के माता पिता 85 साल के हैं। एक बेटी की शादी होनी है। परिवार का भरण पोषण करने वाले वो अकेले हैं, हालांकि सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट के जस्टिस अजय विक्रम सिंह ने अरविंद मिश्रा को इस मामले में दोषी मानते हुए सजा सुना दी।
दरअसल, विकास नगर स्थित परफेक्ट कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक आरसी गर्ग से एक काम के लिए 20 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। रुपए के लिए दबाव बढ़ने पर गर्ग ने इसकी शिकायत विजिलेंस टीम से की। विजिलेंस ने उन्हें पकड़ने के लिए प्लान बनाया था।
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विजिलेंस के इंस्पेक्टर रोहित श्रीवास्तव और अयूब की टीम ने उन्हे पकड़ने के लिए जाल बिछाया। टीम ने आरसी गर्ग को केमिकल लगे नोट लेकर अरविंद मिश्रा के पास भेजा। 500 रुपए के नोट की 15 हजार रूपए की गड्डी अरविंद मिश्रा ने जैसे ही हाथ में ली। टीम ने उन्हें पकड़ लिया था।