आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बाबरी विध्वंस मामले में शुक्रवार को पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने सीबीआइ की विशेष अदालत में कोर्ट के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना बयान दर्ज कराया। साथ लालकृष्ण आडवाणी ने अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस के प्रकरण में अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों से इंकार किया।
लालकृष्ण आडवाणी की सीबीआइ कोर्ट में वर्चुअल तरीके से पेशी हुई। जहां उनका बयान सुबह 11:30 बजे से 3:30 बजे तक दर्ज किया गया। इस दौरान उन्होंने अपने बयान में सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कहा उन पर इस मामले में जो भी आरोप लगाए गए वह सभी राजनीतिक कारणों से थे।
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गौरतलब है कि अयोध्या में पांच अगस्त को राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के भूमि पूजन की तैयारियों के बीच में लखनऊ में अयोध्या में विवादित ढांचा के विध्वंस मामले में सुनवाई भी तेजी में है। विध्वंस केस में अब तक कुल 32 में से 29 आरोपितों के बयान दर्ज हो चुके हैं। सीबीआइ ने लालकृष्ण आडवाणी के लिए एक हजार से ज्यादा सवाल तैयार किए। पूर्व गृह तथा उप प्रधानमंत्री मंत्री लालकृष्ण आडवाणी वीडियो कांफ्रेंसिंग से अदालत में पेश हुए। उनके बयान सीआरपीसी 313 के तहत दर्ज किए गए।
इससे पहले गुरुवार को सीबीआइ की विशेष अदालत के समक्ष आरोपित भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी ने दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराए। उन्होंने कोर्ट से खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि घटना के वक्त वह मौके पर मौजूद नहीं थे। यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है और मुझे फर्जी तरीके से फंसाया गया है। जोशी ने सीबीआइ के सभी आरोपों को सिरे से नकाराते हुए गवाहों के बयान को भी झूठा बताया है।
विवादित ढांचा विध्वंस प्रकरण में अब तक 32 में से 29 आरोपितों के बयान दर्ज हो चुके हैं। अब लालकृष्ण आडवाणी के बाद 28 जुलाई को सतीश प्रधान के बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग से होंगे। इस मामले में अभी एक आरोपित ओमप्रकाश पांडे फरार घोषित है।