आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। कैश की किल्लत को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए आज राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने बयान में कहा कि नोटबंदी के बाद फिर देश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा किया जा रहा है। लोग एटीएम तक पहुंचते हैं पर कैश न होने कारण वहां से खाली हाथ वापस आ रहे हैं। प्रदेश की राजधानी के एटीएम खाली डिब्बा बने हुए हैं। केंद्र सरकार और आरबीआइ झूठे आकड़ें प्रस्तुत कर देश को गुमराह कर रही है।
नोटबंदी के समय का जिक्र करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि जिस तरह नोटबंदी के समय सरकार और रिजर्व बैंक दोनो ही जनता के सामने झूठे वादे कर रहे थे कि धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। ठीक उसी तरह इस समय भी दोनो मिलकर झूठ बोल रहे हैं कि करेंसी की कमी नहीं हैं।
वहीं भारतीय स्टेट बैंक रिपोर्ट बारे कहा कि खुद भरती स्टेट बैंक ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि चलन में जितनी मुद्रा की आवश्यकता है करेंसी उससे कम उपलब्ध है। मांग और आपूर्ति में 70 हजार करोड़ का अंतर है। यही कारण है कि लोगो के सामने दिक्कते आ रही हैं।
डॉ. मसूद ने केंद्र सरकार पर हमला जारी रखते हुए प्रधानमंत्री के आश्वसान को याद कर कहा कि नोटबंदी के समय वादा किया था कि सौ दिन में करेंसी की कमी दूर कर दी जाएगी, जबकि वह समय फसलों की बुवाई का था और किसानों को खाद बीज के लिए दर-दर भटकने के लिए मजबूर होना पडा था।
ठीक उसी तरह आज देश में चारों ओर शादियों का माहौल है, लड़के-लड़की के माता पिता को उनके द्वारा जमा की नकदी नहीं मिल पा रही है, जिससे वह अपनी जरूरत के लिए दूसरे के सामने हाथ फैलाने के लिए मजबूर हैं। ऐसी स्थिति में सरकार आवश्यकता की पूर्ति करने में विफल साबित हो रही। इतना ही नहीं वह झूठे आकड़ें प्रस्तुत कर देश को गुमराह कर रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लखनऊ में भारतीय स्टेट बैंक के करेंसी चेस्ट में लगभग पांच हजार करोड़ से अधिक का बैलेंस रहता था, जो मौजूदा समय में सिमट कर लगभग 50 करोड़ तक रह गया है। ऐसी ही स्थिति लगभग दर्जन भर प्रदेशों में है। मोदी सरकार से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि देश की जनता ने क्या इसी प्रकार के अच्छे दिनों का सपना दिखाया गया था, जिसमें केंद्र सरकार के मुखिया के साथ ही वित्त मंत्री और सबसे बड़ी वित्तीय संस्था रिजर्व बैंक आफ इण्डिया झूठ बोलकर जनता को गुमराह करे।
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