आरयू वेब टीम।
भारत और चीन के बीच भूटान के डोकलाम तनाव के बीच चीन की ओर से युद्ध की लगातार धमकियां आ रही हैं। इसी बीच बढ़ते विवाद पर चीन की मीडिया ने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में अपने संपादकीय के जरिए भारत पर हमला बोला है। प्रकाशित लेख में कहा गया है कि ‘हिन्दू राष्ट्रवाद’ ने पीएम नरेंद्र मोदी की चीन नीति को प्रभावित किया है और इस वजह से दोनों देशों में युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है, साथ ही चेतावनी देते हुए कहा गया कि इससे भारत के अपने हित खतरे में पड़ सकते हैं।
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लिखे गए लेख में भारत से ज्यादा उनके निशाने पर नरेंद्र मोदी की नीतियां रही हैं। जिसके लिए कहा गया है कि मोदी के प्रधानमंत्री चुने जाने से भारत की राष्ट्रीय भावनाओं को बल मिला है। जहां एक तरफ इससे देश पर नियंत्रण करने में उन्हें आसानी हुई है वहीं दूसरी तरफ भारत के विकास पर असर पड़ रहा है।
चीनी मीडिया के अनुसार चीन और पाक के मामले में भारत की कूटनीतिक विदेश नीति खुद को मजबूती से आगे रखना है। साथ ही चीन को निशाना बनाना देश की धार्मिक भावनाओं और राष्ट्रीयता को बढ़ावा देता है। लेख में यह भी कहा गया है कि मुसलामानों को टार्गेट करना इस नीति का एक अहम हिस्सा है।
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ग्लोबल टाइम्स ने सिक्किम बॉर्डर विवाद का जिक्र करते हुए लिखा है कि नई दिल्ली चीन के राष्ट्रीय ताकत से बेहद कमजोर है, लेकिन कहीं न कहीं भारतीय राजनीति इस बात को समझ नहीं पा रही है। इसके साथ ही मोदी को यह बात याद दिलाई गई कि जब से वह सत्ता में आए हैं, उनकी सरकार मुस्लिमों के खिलाफ लगातार जारी हिंसा को रोकने में अक्षम है।
इस पूरे विवाद को जान-बूझकर हवा दी गई है ताकि हिन्दू राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ाया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिन्दू राष्ट्रवाद के सहारे ही सत्ता हासिल की और अब वो इसे चीन और पाकिस्तान के खिलाफ अपनी रणनीति के रूप में दुनिया के समक्ष पेश करना चाहता है।
संपादकीय में भारत और चीन के बीच की प्रतिस्पर्धा दोनों की ताकतों और बुद्धिमत्ता पर निर्भर है।राष्ट्रीय ताकत की बात करें तो भारत चीन से कमजोर है, लेकिन इसके रणनीतिकारों और राजनीतिज्ञों ने भारत की चीन नीति को राष्ट्रवाद से बचाने में कोई बुद्धिमत्ता नहीं दिखाई है। इससे भारत को ही खतरा है, भारत को इस बात का ध्यान रखना चाहिए और धार्मिक राष्ट्रवाद को दो देशों के बीच युद्ध को बढ़ावा देने से रोकना चाहिए।
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इसके साथ ही भारत पर तंज कसते हुए लेख में लिखा गया है कि चीन जितना ज्यादा विकास करता है भारत उतना ज्यादा घबरा जाता है।