भारतीय वायुसेना में शामिल किये गए आठ ‘अपाचे हेलीकॉप्टर, खासियत जानकर जाएंगे चौंक

'अपाचे हेलीकॉप्टर
'अपाचे हेलीकॉप्टर।

आरयू वेब टीम। 

भारतीय वायुसेना के लिए मंगलवार का दिन बड़ा शुभकारी रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि आज से भारतीय वायुसेना और भी ज्‍यादा ताकतवर हो गई है। वायुसेना के बेड़े में आठ अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही वायुसेना ने दुश्मन के ठिकानों को पलक झपकते ही नेस्तनाबूद करने में महारत हासिल कर ली है।

वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ की मौजूगी में पठानकोट एयरबेस पर भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए आठ अमेरिका निर्मित ‘अपाचे एएच-64ई लड़ाकू हेलीकॉप्टर को आज आइएएफ में शामिल किया गया। अपाचे हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल करने से पहले पूजा-पाठ की गई। इसी के साथ अब अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर उड़ाने वाला दुनिया में भारत 16वां देश बन गया है।

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बता दें कि पठानकोट एयरबेस पर ही साल 2016 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने हमला किया था। दो पायलटों वाले अपाचे हेलीकॉप्टर 60 फुट ऊंचाई और 50 फुट चौड़ाई वाले हैं। अपाचे में बड़े विंग के साथ दो इंजन लगाए गए हैं, जिसके चलते इनकी रफ्तार बाकी किसी लड़ाकू हेलिकॉप्टर से कहीं ज्यादा है।

दुनिया का सबसे खतरनाक अटैक हेलीकॉप्टर

अपाचे हेलिकॉप्टरों में हेलीफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें लगी हुई हैं, जो दुश्मन को पलक झपकते ही नष्ट कर देंगी। अपाचे में एक सेंसर भी लगा है, जिसकी वजह से ये हेलीकॉप्टर रात में भी किसी ऑपरेशन को अंजाम दे सकने में सक्षम है, इसकी रफ्तार 365 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसमें 30 एमएल की दो गन लगी हुई हैं।

अपाचे हेलीकॉप्टर आधुनिक तकनीक से लैस होने के साथ ही यह सभी मौसमों में दिन रात तेजी से कार्रवाई करने में सक्षम है। ये एक साथ कई टारगेट पर अटैक करने वाला दुनिया का सबसे खतरनाक अटैक हेलीकॉप्टर माना जाता है।

भारतीय वायुसेना ने ‘अपाचे हेलीकॉप्टर’ के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितम्बर 2015 में कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था। इसके तहत बोइंग ने 27 जुलाई को 22 हेलीकॉप्टर में से पहले चार हेलीकॉप्टर दिए गए थे। यह हेलीकॉप्टर थर्मल इमेजिंग सेंसर का इस्तेमाल करके छिपे आतंकवादियों का भी पता लगा सकता है और आतंकियों से अपनी 30 एमएमगन या एंटी पर्सनल रॉकेट्स से निपट सकता है।

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