आरयू वेब टीम। फिल्म जगत को शुक्रवार को एक और बड़ा झटका लगा है। मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का 71 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट के चलते मुंबई में निधन हो गया। वे बीते कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रही थीं, उन्हें बांद्रा स्थित एक हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। देर रात उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और देर रात उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। जिसके बाद से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। सरोज खान के पार्थिक शरीर सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
वहीं सरोज खान को सुबह सात बजे मुंबई के मलाड स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में करीबी और परिवार के लोग शामिल हुए। सरोज खान की बेटी सुकैना खान ने बताया कि तीन दिन बाद प्रार्थना सभा रखी जाएगी।
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सरोज खान के बेटे राजू खान बताया कि सरोज खान को गुरु नानक हॉस्पिटल में सांस की तकलीफ के चलते 20 जून को भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती होने से पहले उनका कोविड टेस्ट कराया गया था, जो निगेटिव आया। उनका स्वास्थ्य धीरे-धीरे बेहतर हो रहा था। जल्द ही उन्हें डिस्चार्ज कर दी जातीं, लेकिन अचानक देर रात 1:52 पर उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें बचाया नहीं जा सका।
मालूम हो कि इस दिग्गज कोरियॉग्राफर ने मात्र तीन साल की उम्र से बतौर बैकग्राउंड डांसर अपना करियर शुरू किया था। उन्हें 1974 में पहली बार गीता मेरा नाम से बतौर कोरियॉग्राफर फिल्म इंडस्ट्री में ब्रेक मिला था। चार दशक के लंबे करियर में सरोज खान को 2,000 से ज्यादा गानों की कोरियोग्राफी करने का श्रेय हासिल है। सरोज खान को अपनी कोरियोग्राफी की कला के चलते तीन बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका था। संजय लीला भंसाली की फिल्म देवदास में डोला-रे-डोला गाने की कोरियोग्राफी के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था। इसके अलावा माधुरी दीक्षित की फिल्म तेजाब के यादगार आइटम सॉन्ग एक-दो-तीन और साल 2007 में आई फिल्म जब वी मेट के सॉन्ग ये इश्क… के लिए भी उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था।
सरोज खान ने आखिरी बार करण जौहर के प्रोडक्शन हाउस के तले बनी फिल्म कलंक में तबाह हो गए गाने गाने को कोरियोग्राफ किया था। इस गाने में माधुरी दीक्षित नजर आई थीं। यह फिल्म 2019 में रिलीज हुई थी।