रिवर फ्रंट देखने पहुंचे CM ने मांगा खर्च का हिसाब, कहा गंदी क्यों है गोमती

रिवर फ्रंट पर असफर से जानकारी लेते योगी
रिवर फ्रंट पर असफर से जानकारी लेते योगी साथ में डिप्‍टी सीएम।

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। दो दिन गोरखपुर में बीताने के बाद आज मुख्‍यमंत्री आदित्‍यनाथ योगी अखिलेश यादव के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट गोमती रिवर फ्रंट का निरीक्षण करने पहुंचे। प्रॉजेक्‍ट में अब तक लग चुके करीब नौ सौ करोड़ रुपए का हिसाब उन्‍होंने अफसरों से मांगा है।

रिवर फ्रंट पर आदित्‍यनाथ योगी

कहा कि इस काम में लगे एक-एक पैसे का हिसाब उन्‍हें चाहिए। जनता के पैसे को बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। सीएम ने समय से काम पूरा करने के भी निर्देश दिए हैं।

यह भी पढ़े- अकबर को तुलसीदास ने कभी नहीं माना राजा: योगी

नदी में गिर रहे नाले पर नाराजगी जताते हुए उन्‍होंने अफसरों को गंदे पानी को नदी में नहीं जाने देने का प्रबंध करने को कहा। साथ ही गंदे पानी से चल रहे फौव्‍वारों पर भी उन्‍होंने नाराजगी जताई, तो अफसरों ने पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव को इसके लिए जिम्‍मेदार ठहराते हुए कहा कि जल्‍द से जल्‍द काम पूरा करने का निर्देश था।

सीएम ने नदी में गंदा पानी देख सवाल खड़े किए कि अगर छह किलोमीटर तक नदी को तीन मीटर गहरा किया गया है तो इसमें से निकली मिट्टी कहां फेकी गई।

यह भी पढ़े- गोरखपुर में बोले योगी सबका विकास होगा तुष्‍टीकरण नहीं

सीएम ने पूछा कि क्‍या सिर्फ कागजों पर ही काम हुआ है, नदी इतनी गंदी क्‍यों है इसके लिए जिम्‍मेदार कौन है, सीएम के सटीक सवालों पर अधिकारी बगले झांकने लगे।

इस दौरान आदित्‍यनाथ योगी के साथ डिप्‍टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, आशुतोष टंडन, बृजेश पाठक तथा मुख्य सचिव राहुल भटनागर भी थे।

यह भी पढ़े एक क्लिक पर जानें CM बनने के बाद पहली प्रेसवार्ता में क्‍या-क्‍या बोले योगी

गोमती रिवर फ्रंट पर मुख्यमंत्री के बैठने के लिए पंडाल भी बनाया था जिसमें उन्‍होंने अधिकारियों के करीब पौन घंटे मीटिंग कर अपनी मंश जाहिर करते आवश्‍यक निर्देश भी दिए।

बता दें कि भाजपा प्रदेश की सत्‍ता में आने से पहले ही गोमती रिवर फ्रंट समेत सीएम के अन्‍य ड्रीम प्रॉजेक्‍ट में बड़े घोटाला होने की बात कह रही थी। सीएम का सख्‍त रूख देखकर अधिकारियों समेत ठेकेदारों में हड़कंप है। उम्‍मीद जताई जा रहा है कि 18-20 घंटे काम करने की मंशा रखने वाले मुख्‍यमंत्री किसी भी घोटाले और लापरवाही को बर्दाशस्‍त नहीं करेंगे।

दूसरी ओर निरीक्षण के बाद सिंचाई मंत्री ने भी अधिकारियों के साथ गोमती रीवर फ्रंट पर कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा कर निर्देश दिया कि गोमती को स्वच्छ बनाने के लिए नदी में गिरने वाले कुकरैल एवं अन्य नालों का पानी रोक दिया जाए।

उन्‍होंने कहा कि मई तक हर-हाल में गोमती को साफ कर दिया जाए। इसके अलावा शारदा सहायक से गोमती नदी को जोड़कर साफ पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जाए।

इतना ही नहीं उन्‍होंने यह भी कहा कि गोमती को स्वच्छ बनाए रखने के लिए सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट लगाने के साथ ही परियोजना पर आने वाले अनावश्यक खर्च को भी रोकने को कहा है।