एक बार फिर बसपा सुप्रीमो बनते ही बोलीं मायावती, कांग्रेस और पंडित नेहरू ही हैं कश्‍मीर समस्या की मूल जड़

मायावती
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। बुधवार को मॉल एवेन्‍यू स्थित बसपा मुख्‍यालय पर आयोजित बैठक में बसपा के देश भर के पदाधिकारियों ने एक बार फिर अपनी सुप्रीमो के रूप में मायावती को चुन लिया है। उत्‍तर प्रदेश समेत देश भर के पदाधिकारियों द्वारा मायावती को बसपा का राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष चुने जाने के बाद उनकी पार्टी के तमाम नेताओं ने नारों के साथ उन्‍हें आज बधाई दी।

वहीं बीएसपी अध्‍यक्ष चुने जाने पर मायावती ने बसपा के पदाधिकारियों का आभार जताते हुए कहा कि मानवतावादी मिशन को बसपा के मूवमेन्ट के माध्यम से आगे बढ़ाने के लिए वे हर प्रकार की कुर्बानी देने को तैयार हैं तथा पार्टी व मूवमेन्ट के हित में न तो वे कभी रुकने और न ही झुकने वाली हैं, टूटना तो बहुत दूर की बात है।

आज एक बार फिर जम्‍मू-कश्‍मीर से धारा 370 को लगभग हटाए जाने के बाद पैदा हुए हालात को लेकर कांग्रेस पर बसपा सुप्रीमो जमकर बरसीं। साथ ही कश्‍मीर हालात पर आज भाजपा और मोदी सरकार की बात को दोहराते हुए मायावती ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को भी निशाने पर लेते हुए कश्‍मीर समस्‍या के लिए सिर्फ पंडित नेहरू और कांग्रेस को ही जिम्‍मेदार ठहराया।

मायावती ने धारा 370 के मसले पर मोदी सरकार का समर्थन करने के संबंध में सफाई देते हुए आज कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 का प्रावधान करने के बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर कतई पक्ष में नहीं थे। इसी वजह से बीएसपी ने संसद में इस धारा को हटाये जाने का समर्थन किया है, लेकिन देश में संविधान लागू होने के लगभग 70 सालों के बाद इस धारा की समाप्ति के बाद, वहां पर हालात सामान्य होने में अब थोड़ा समय अवश्य ही लगेगा। इसलिए इसका थोड़ा इंतजार किया जाये, तो यह बेहतर ही होगा।

आज एक बार फिर कांग्रेस अध्‍यक्ष व अन्‍य नेताओं के कश्‍मीर दौरे पर सीधे सवाल उठाते हुए मायावती ने सवाल किया कि हाल ही में बिना अनुमति के कांग्रेस व अन्य पार्टियों के नेताओं का कश्मीर जाना क्या केंद्र व वहां के गवर्नर को राजनीति करने का मौका देने जैसा कदम नहीं है? अगर इनके जाने पर कश्मीर में थोड़े भी हालात बिगड़ जाते, तो फिर क्या मोदी सरकार इसका दोष इन पार्टियों पर नहीं थोप देती, इस पर भी विचार कर लिया जाता, तो यह उचित ही होता। मायावती ने आगे कहा कि वास्तव में कश्‍मीर समस्या की मूल जड़ कांग्रेस व पंडित नेहरू ही हैं।

लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने का भी बसपा करती है स्वागत

वहीं यूपी की पूर्व सीएम ने मोदी सरकार का समर्थन करते हुए आज ये भी कहा कि जम्मू-कश्मीर से अलग करके लद्दाख क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने का भी बसपा स्वागत करती है। इससे लेह-लद्दाख क्षेत्र के बौद्ध समुदाय की सालों पुरानी मांग पूरी हुई है और वे इससे बहुत खुश भी हैं। अब उनकी अपनी मांग के मुताबिक मोदी सरकार को उनकी विशिष्ट पहचान, उनकी संस्कृति व उनके क्षेत्र के अपेक्षित विकास आदि पर खास ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

अगर कांग्रेस ने धारा 370 पहले ही हटा दिया होता तो…

इसके अलावा मायावती ने एक बार फिर कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए आज कहा कि अगर धारा 370 कांग्रेस ने अपने लंबे शासनकाल में पहले ही हटा दिया होता तो आज जम्मू-कश्मीर में हालात बेहतर होते तथा बीजेपी को भी इसकी आड़ में राजनीति करने का मौका नहीं मिलता।

कांग्रेस का ऐसा उदासीन व ग़ै़र-सकारात्मक रवैया केवल…

बसपा सुप्रीमो इतने पर ही नहीं रूकी उन्‍होंने आगे कहा कि वैसे भी कांग्रेस का ऐसा उदासीन व ग़ै़र-सकारात्मक रवैया केवल जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के संबंध में रहने के साथ-साथ देश के सर्वसमाज में से खासकर गरीबों, दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़ों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों में से खासकर मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध आदि के प्रति भी रहा है, जिस कारण इनके सामाजिक व आर्थिक हालात आजादी के इतने दशकों के बाद भी काफी ज्यादा खराब बने हैं।

…भुला पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है

हमला जारी रखते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस व उसकी सरकारों में खासकर बहुजन समाज की इतनी ज्यादा उपेक्षा हुई है कि जिसको भुला पाना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है। बाबा साहब को आपेक्षित सम्मान देने के क्रम में इन्होंने उन्हें ना तो पहले संसद में चुनकर जाने दिया और ना ही मरणोपरान्त उनको “भारत रत्‍न” की उपाधि से सम्मानित किया। इसी प्रकार पूरे देश में एससी व एसटी वर्ग को भी ईमानदारी के साथ आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया।

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