कांग्रेस का आरोप, सूरत में फंसे मजदूरों की 12 ट्रेनों को यूपी में नहीं लाने दे रही योगी सरकार

सूरत में फंसे मजदूर
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते जहां एक ओर यूपी समेत विभिन्‍न राज्‍यों के लाखों मजदूर दूसरे राज्‍यों में डेढ़ महीने से फंसें हैं। वहीं मजदूरों को उनके गृह जनपद पहुंचाने को लेकर भी सियासी घमासान अब तेज होता नजर आ रहा है। गुरुवार को इसी क्रम में कांग्रेस ने उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस सूरत में फंसे हजारों मजदूरों को यूपी के विभिन्‍न जनपदों में स्थित उनके घर पहुंचाना चाहती है, इसके लिए उसने सूरत में 12 ट्रेनें भी बुक कर ली है, लेकिन राजनीतिक साजिशों के तहत योगी सरकार उन ट्रेनों को उत्‍तर प्रदेश में आने ही नहीं दे रही है।

आज इस संबंध में एक बयान जारी करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू ने कहा है कि लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश के लगभग दस लाख मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं। भाजपा सरकार ने मजदूरों को मुफ्त में वापस पहुंचाने का भरोसा दिलाया था, लेकिन हकीकत ये है कि भाजपा और उससे संबंधित बिचैलिए मजदूरों से तय किराया से भी ज्यादा वसूल रहे है। ऐसे में कांग्रेस द्वारा मजदूरों के लिए कई ट्रेनों का प्रबंध किया है, जिससे मजदूर सकुशल अपने घर वापस आ जाये, लेकिन दुख की बात है कि राजनीतिक साजिशों के चलते ट्रेनों को परमीशन नही दी जा रही है।

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प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सूरत में अभी तक गुजरात कांग्रेस ने 12 ट्रेनें बुक की थी, लेकिन कलेक्टर फाइल दबा कर बैठ गए हैं और ट्रेनों को उत्तर प्रदेश जाने नहीं दे रहे है। यूपी के 19 हजार दो सौ श्रमिक सूरत में फंसे हैं। जहां से उन्‍हें अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, फैजाबाद, गोण्डा, फैजाबाद, गोरखपुर, प्रयागराज बलिया के लिए ट्रेन बुक की गई है, लेकिन सूरत के डीएम का कहना है कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार इन ट्रेनों को अपने राज्य में आने की परमीशन दे तो ही वह ट्रेन भेज सकेंगें।

अजय कुमार ने सवाल उठाते हुए आज अपने बयान में कहा कि, आखिर उत्तर प्रदेश सरकार को मजदूरों से इतनी एलर्जी क्यों है? क्या मजदूरों को सड़कों पर भूखे पैसे चलते हुए और रोड दुर्घटना में मरते हुए देखना चाहते हैं?  इसके पहले भी उत्तर प्रदेश कांग्रेस द्वारा योगी सरकार से प्रदेश में फंसे हुए मजदूरों का विवरण मांगा था, अभी तक कई पत्र लिखें, लेकिन किसी का कोई जवाब नहीं मिला है आखिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मजदूरों से इतनी दुश्मनी क्यों करते हैं?

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प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि सूरत के अलावा गुजरात के वलसाड से छह और भरूच से पांच ट्रेनों को भी परमीशन नही दे रही है। वहीं राजस्थान से कांग्रेस द्वारा रिजर्व की गयी 13 ट्रेन से बलिया, गोरखपुर, फतेहपुर, जौनपुर, सहारनपुर, गाजीपुर, कानपुर, लखनऊ, सुल्तानपुर के हजारों श्रमिक घर वापस आये है।

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लल्लू ने कहा कि, उनका उत्‍तर प्रदेश सरकार से आग्रह है कि महामारी के समय राजनैतिक प्रतिद्वंदिता को एक तरफ रखकर श्रमिकों को घर वापस लाने पर विचार करे और कांग्रेस द्वारा रिजर्व की गयी ट्रेनों को प्रदेश में आने से रोका न जाये। साथ ही प्रदेश में फंसे प्रवासी मजदूरों का विवरण प्रदान करे जिससे कांग्रेस उन मजदूरों को भी घर वापस पहुंचाने में मदद कर सके।

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