डिप्‍टी CM ने कहा, काम में गड़बड़ी करने वाले ठेकेदारों और अधिकारियों पर होगी FIR

लोक निर्माण विभाग
अधिकारियों के साथ बैठक करते केशव प्रसाद मौर्या।

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में अब शायद भ्रष्‍ट इंजीनियर-अधिकारियों और ठेकेदारों के गठजोड़ से होने वाले भ्रष्‍टाचार पर लगाम लग जाए। प्रदेश के डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने आज लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर भ्रष्‍टाचार पर अंकुश के लिए कई जरूरी निर्देश जारी किए है।

उन्‍होंने कहा कि काम समय पर पूरा नहीं करने वाले ठेकेदारों समेत अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। काम में गड़बड़ी करने वाले ठेकेदारों के साथ ही अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्‍हें जेल भेजा जाएगा।

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लंबे समय से अधूरी पड़ी सड़कों का कारण स्‍पष्‍ट करने के साथ ही निर्धारित बजट के अनुसार योजनाएं स्वीकृत की जाएं, जिससे कि पैसे की कमी के चलते काम न रूके।

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उप मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा क्षेत्र के हिसाब से सड़कों का आंकलन किया जाये ताकि सभी जिलों में समान रूप से सड़कों का विकास हो सके। प्रदर्शन में नवीनीकरण पैचयुक्त निर्माणाधीन सड़कों को भी प्राथमिकता से शामिल किया जाय। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों की भी समय सीमा तय करने के साथ ही स्थलीय जांच की दिशा में कार्यवाही की जाय।

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केशव मौर्या ने यह भी बताया कि 12 अप्रैल को भारत सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय के अधिकारी लखनऊ में बैठक करेंगे अतः सभी अफसर सड़क निर्माण की फंसी योजनाओं का ब्यौरा तैयार करें, ताकि उनका समाधान हो सके।

उन्होंने कहा कि यदि जांच में किया गया कार्य दोषपूर्ण पाया जाएगा तो ऐसे ठेकेदारों व जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की जाय तथा बड़ी कम्पनियां जिनकी विश्वसनीयता तथा कार्य की गुणवत्ता अच्छी हो उन्हें ही ठेके दिए जायं।

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श्री मौर्य ने कहा कि पर्यटन स्थलों को जोड़ने तथा इलाहाबाद, चित्रकूट, अयोध्या, मथुरा, काशी जैसे विभिन्न धार्मिक स्थलों के परिक्रमा मार्गों का निर्माण प्राथमिकता से किया जाय। उन्होंने जोर देकर कहा कि उत्तर प्रदेश की तस्वीर बहुत साफ-सुथरी रखनी है इसलिए सभी अधिकारी दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ कार्य करें तथा चुनाव के समय भूतल मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को सम्मिलित कर उनकी भी कार्य योजना प्रस्तुत करें।

बैठक में अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण सदाकांत, सचिव मृत्युंजय नारायण, प्रमुख अभियन्ता विकास वीके सिंह, प्रबन्ध निदेशक सेतु निगम एमएन खान, प्रबन्ध निदेशक राजकीय निर्माण निगम आरके गोयल सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।