आरयू इंटरनेश्नल डेस्क।
रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर दुनिया भर के मानवाधिकार संगठनों के हमले झेल रहे म्यांमार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने अब आलोचकों को जवाब देने के साथ ही रोहिंग्या मुसलमानों पर गंभीर आरोप भी लगाए है। साथ ही बोली की हम आलोचनाओं से डरने वालों में से नहीं है।
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शांति का नोबल पुरस्कार पा चुकी सू की ने मंगलावार को देश को संबोधित करते हुए कहा कि वे सभी मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा करती हैं, लेकिन शांति और कानून के शासन के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने शांति के लिए हर संभव प्रयास किए हैं। हमने 70 साल की लड़ाई के बाद शांति और स्थायित्व हासिल किया है। देश की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता है।
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रोहिंग्या आतंकी हमलों में शामिल हैं। रोहिंग्या समूहों ने म्यांमार में हमले कराए। म्यामांर ने रोहिंग्या लोगों को संरक्षण दिया लेकिन नतीजा क्या निकला। उन्होंने आगे कहा कि 25 अगस्त को 30 पुलिस चौकियों पर हमले किए गए, परिणामस्वरूप सरकार ने अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी को आतंकवादी समूह घोषित किया। हालांकि सू की ने यह भी कहा कि जो लोग म्यांमार में वापस आना चाहते हैं, उनके लिए वे रिफ्यूजी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
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