आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार पर भारत समेत दुनियाभर में छाई खबरों के बाद आज बसपा सुप्रीमो मायावती का दिल भी उनपर पिघल गया। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बारे में कहा कि पड़ोसी देश म्यांमार में अशांति व हिंसा के कारण भारत में शरणार्थी बनकर पनाह लेने वाले हजारों बेहद गरीब व असहाय रोहिंग्या मुसलमान परिवारों के प्रति मोदी सरकार मानवता के नाते सख्त रवैया नहीं अपनाएं। इसके साथ ही मायावती ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को भारत के राज्यों को भी इसके लिए मजबूर नहीं करना चाहिए कि वे रोहिंग्या मुसलामानों के साथ सख्त रवैया अपनाएं।
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मायावती ने अपने एक बयान में कहा कि म्यांमार के सीमावर्ती राज्य में अशांति के कारण लाखों रोहिंग्या मुसलमानों ने बंगलादेश में शरण लिया है तथा कई हजार भारत के विभिन्न राज्यों में भी शरणार्थी बनकर रह रहे हैं, जिनके प्रति मोदी सरकार का रवैया पूरी तरह से स्पष्ट नहीं होने के कारण असमंजस की स्थिति है।
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वहीं बसपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इस सबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी केन्द्र सरकार से अपना स्टैण्ड स्पष्ट करने को कहा है। ऐसी परिस्थिति में कोर्ट की कार्रवाई अपनी जगह, परन्तु भारत सरकार को इन शरणार्थियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए व्यवहार करना चाहिए जैसा कि भारत की परम्परा भी रही है। इसके अलावा मोदी सरकार को म्यांमार व बंगलादेश की सरकार से वार्ता करके रोहिंग्या मुसलमानों के मामले को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए ताकि उनका पलायन अपने देश में भी रुक सके।
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