जम्‍मू-कश्‍मीर: धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, जानिए CJI और केंद्र सरकार ने क्‍या कहा

वकील एमएल शर्मा
(फाइल फोटो)

आरयू वेब टीम। जम्‍मू-कश्‍मीर से धारा 370 हटाए जाने के मसले को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पूरी तरह से सुनवाई नहीं हो सकी। देश की सबसे बड़ी अदालत ने आज याचिका का अध्‍ययन करने के बाद याचिकाकर्ता वकील एमएल शर्मा से याचिका समझ में नहीं आने की बात कहते हुए दोबारा याचिका दायर करने के लिए भी कहा।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने करीब आधे घंटें तक याचिका का अध्‍ययन करने के बाद एमएल शर्मा से पूछा कि यह किस तरह की याचिका है? इसे खारिज किया जा सकता था, लेकिन रजिस्ट्री में पांच अन्य याचिकाएं भी हैं। साथ ही कहा कि उन्होंने अनुच्छेद 370 पर दी गई यह याचिका पढ़ने में 30 मिनट लगाए, लेकिन इसका कोई मतलब नहीं पता चल सका। आपको बता दें कि अगर याचिकाकर्ता अपनी याचिका में सुधार करके इसे दोबारा दायर करते हैं तो अगले हफ्ते इस पर सुनवाई हो सकती है।

यह भी पढ़ें- सोनभद्र पहुंचीं प्रियंका ने नरसंहार कांड पीड़ितों का जाना हाल, कश्‍मीर से धारा 370 हटाने को लेकर भी दिया बड़ा बयान

साथ ही उच्चतम न्यायालय ने वकीलों से अनुच्छेद 370 पर दाखिल उनकी छह याचिकाओं में खामियों को दूर करने के लिए कहते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। ये सुनवाई प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एसए बोबडे एवं न्यायमूर्ति एसए नजीर की विशेष पीठ ने अधिवक्‍ता एमएल शर्मा की ओर से दायर याचिका पर की।

यह भी पढ़ें- धारा 370 पर ओवैसी का बड़ा बयान, मोदी सरकार को कश्मीरियों से नहीं कश्‍मीर की जमीन से है प्‍यार

वहीं केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जम्मू-कश्मीर में दिन प्रतिदिन स्थिति में सुधार हो रहा है, पाबंदियां धीरे-धीरे हटाई जा रही हैं। ये बातें केंद्र ने राज्य में मीडिया पर लगाई पाबंदियां हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय को बतायी।

यह भी पढ़ें- जम्‍मू-कश्‍मीर में धारा 370 के खिलाफ नेशनल कॉफ्रेंस ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर में मीडिया पर लगी पाबंदियां हटाने के मुद्दे पर थोड़ा और समय देना चाहेंगे। हमने पढ़ा कि लैंडलाइन कनेक्शन बहाल किए जा रहे हैं और हमें आज जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की ओर से फोन भी आया।

यह भी पढ़ें- धारा 370 व 35A पर देशवासियों से बोले PM मोदी, भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान शस्‍त्र की तरह करता था इनका इस्‍तेमाल

बताते चलें कि अधिवक्ता शर्मा ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के केंद्र के फैसले के एक दिन बाद छह अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकार्ता ने अपनी याचिका में दावा किया है कि अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति का आदेश गैरकानूनी है, क्योंकि यह जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सहमति के बिना जारी किया गया।

यह भी पढ़ें- जम्‍मू-कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 को हटाने की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौत