दिल दहला देने वाली है उन्‍नाव की घटना, मौत से जूझ रही तीसरी लड़की को इलाज के लिए पहुंचाया जाए‍ दिल्‍ली: प्रियंका  

प्रियंका गांधी

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। उन्‍नाव के खेत में हाथ-पैर बंधी हुई दो किशोरियों की लाश व तीसरी किशोरी के गंभीर अवस्‍था में मिलने की घटना से हड़कंप मचा है। वही गुरुवार को इस घटना को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रतिक्रिया दी है। प्रियंका ने उन्नाव की घटना को दिल दहला देने वाला करार देने के साथ ही अस्‍पताल में मौत से जंग लड़ रही किशोरी को उपचार के लिए तत्‍काल दिल्‍ली पहुंचाने की मांग की है।

प्रियंका ने आज कहा है कि उन्नाव की घटना दिल दहला देने वाली है। लड़कियों के परिवार की बात सुनना एवं तीसरी बच्ची को तुरंत अच्छा इलाज मिलना जांच-पड़ताल एवं न्याय की प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है। कांग्रेस की यूपी प्रभारी ने कहा, खबरों के अनुसार पीड़ित परिवार को नजरबंद कर दिया गया है। यह न्याय के कार्य में बाधा डालने वाला काम है। आखिर परिवार को नजरबंद करके सरकार को क्या हासिल होगा। प्रियंका ने कहा कि यूपी सरकार से निवेदन है कि परिवार की पूरी बात सुनें एवं त्वरित प्रभाव से तीसरी बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाए।

बता दें कि उन्नाव जिले के असोहा इलाके के बबुरहा गांव के बाहर खेत में बुधवार रात दलित समुदाय की तीन किशोरियों मरणासन्‍न अवस्‍था में मिलीं थी। अस्पताल ले जाने पर उनमें से दो को मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने बताया कि बबुरहा गांव में एक ही परिवार की 15,14 और 16 साल की तीन किशोरियां अपराह्न करीब तीन बजे जानवरों के लिए चारा लेने घर से निकली थीं। जिसके बाद से ही वह गायब थी।

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शाम को जब उनके पिता उन्हें ढूढ़ने गए तो उन्हें तीनों अचेत अवस्था में एक पेड़ से दुपट्टे से बंधी मिली थी, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज की है। तीनों लड़कियां में से दो की मौत हो चुकी है और एक को कानपुर में इलाज के लिए रेफर किया गया है। तीनों एक ही गांव की रहने वाली हैं और दलित समुदाय से आती है। आज दोनों किशोरियों के शव का पोस्‍टमॉर्टम किया गया है, जिसमें जहर खाने से उनकी मौत होने की पुष्टि हुई है। अंदेशा है कि तीनों किशोरियों को जहर खिलाकर हत्‍या करने का प्रयास किया गया होगा, इसमें दो की मौत हो चुकी है।

जानकारी के अनुसार पुलिस ने पीड़ित परिवार को ही नजरबंद किया हुआ है। पुलिस ने परिवार को किसी से बात करने की इजाजत नहीं दी है। मीडिया को भी परिवार से दूर रखा जा रहा है। पुलिस ने इसके अलावा घटनास्थल को भी कब्जे में ले लिया है। पुलिस की इस हरकत से अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुलिस परिवार पर मनचाहा बयान देने के लिए तरह-तरह से दबाव बना रही है।

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