BRD कांड: जांच में डॉ. कफील पाए गएं निर्दोष, आरोपों के चलते काटी थी नौं महिना जेल

बीआरडी मेंडिकल कॉलेज
जांच रिपोर्ट की जानकारी देते डॉ. कफील खान। (फोटो साभार- एएनआइ)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ/गोरखपुर। गोरखपुर के बीआरडी मेंडिकल कॉलेज ऑक्सीजन कांड में निलंबित शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान विभागीय जांच में निर्दोष पाए गए हैं। उन्हें दो साल पहले लापरवाही, भ्रष्टाचार और अस्पताल में 60 बच्चों की मौत के दिन ठीक से काम नहीं करने के आरोप में सस्पेंड किया गया था। डॉक्टर कफील को रिपोर्ट में तमाम आरोपों से मुक्त कर दिया गया है और इसकी एक कॉपी उन्हें भेज दी गई है।

प्रमुख सचिव खनिज और भूतत्व विभाग की अगुवाई में हुई जांच के बाद डॉक्टर कफील पर लगाए गए आरोपों में सच्चाई नहीं पाई गई। रिपोर्ट के मुताबिक, कफील ने घटना की रात बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की थी। इस तरह डॉ. कफील पर लगाए गए सभी आरोप गलत पाए गए। जांच की रिपोर्ट गुरुवार को बीआरडी अधिकारियों ने कफील को दी।

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इस मामले में जांच अधिकारी हिमांशु कुमार, प्रमुख सचिव (टिकट और पंजीकरण विभाग) को यूपी के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 18 अप्रैल को रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि कफील ने लापरवाही नहीं की थी और उस रात (10-11 अगस्त 2017) स्थिति पर काबू पाने के लिए सभी तरह के प्रयास किए थे।

साथ ही जांच रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. कफील अपने सीनियर अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी के बार में पहले ही इत्तला कर चुके थे। इसके अलवा रिपोर्ट में यह भी मेंशन है कि तब कफील बीआरडी में इंसेफेलाइटिस वार्ड के नोएल मेडिकल ऑफिसर इन-चार्ज नहीं थे।

वहीं आरोपों से मुक्‍त होने के बाद डॉक्टर कफील खान ने लोगों को धन्यवाद करते हुए अपना एक वीडियो शेयर किया है। कफील खान ने जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि योगी सरकार ने मान लिया है कि कफील खान की कोई गलती नहीं थी।

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कफील ने कहा कि पूरे मामले में उसकी कोई गलती नहीं है और यही बात जांच रिपोर्ट में कही गई है, जबकि उन्हें ही विलेन के तौर पर पेश किया गया। कफील खान ने पिछले दो साल में अपने साथ हुए बर्ताव को लेकर बातें कहीं हैं और देश के लोगों को साथ खड़े रहने के लिए धन्यवाद दिया।

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बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण पांच दिनों में 60 बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में डॉ. कफील सहित नौ लोगों पर आरोप था, जिसमें खुद पर लगे आरोप के लिए कफील को नौ महीने जेल में बिताना पड़ा था। इसके बाद कफील बेल पर थे, हालांकि, अभी तक वो सस्पेंड चल रहे। डॉ. काफील ने इस मामले में सीबीआइ जांच की भी मांग की थी।

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