आरयू वेब टीम। केंद्र सरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुखों के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने के लिए दो अध्यादेश लाई है। केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों का वर्तमान में दो साल का कार्यकाल होता है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों अध्यादेशों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। रविवार को जारी अध्यादेश के मुताबिक शीर्ष एजेंसियों के प्रमुखों को दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद हर साल तीन साल तक के लिए अध्यादेश के अनुसार विस्तार दिया जा सकता है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अध्यादेश 2021 के मुताबकि, बशर्ते कि जिस अवधि के लिए प्रवर्तन निदेशक अपनी प्रारंभिक नियुक्ति पर पद धारण करता है, सार्वजनिक हित में, खंड (ए) के तहत समिति की सिफारिश पर और लिखित रूप में दर्ज किए जाने वाले कारणों के लिए एक समय पर एक साल तक ही बढ़ाया जा सकता है। जबकि प्रारंभिक नियुक्ति में उल्लिखित अवधि समेत कुल मिलाकर पांच साल की अवधि पूरी होने के बाद ऐसा कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा। अन्य अध्यादेश दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट (संशोधन) अध्यादेश, 2021 में भी इसी तरह का संशोधन है और ये तुरंत लागू हो जाता है।
यह भी पढ़ें- CJI की तल्ख टिप्पणी, जजों को मिलने वाली धमकियों पर पुलिस व CBI नहीं देती ध्यान
जस्टिस एलएन राव की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशक एसके मिश्रा के विस्तार से जुड़े मामले में एक निर्णय दिया, जिसमें कार्यकाल के विस्तार को रेखांकित किया गया था और कहा कि केवल दुर्लभ और असाधारण मामलों में ही किया जाना चाहिए। उनका दो साल का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो जाएगा। विपक्षी दलों ने अतीत में शीर्ष नेताओं और पूर्व मंत्रियों को निशाना बनाकर जांच के बीच सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
बता दें कि 60 साल के एसके मिश्रा 1984 बैच के आयकर कैडर में भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं और 19 नवंबर 2018 को उन्हें ईडी का निदेशक नियुक्त किया गया था।