आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ में आज स्मारक समिति के दो कर्मचारियों की अचानक मौत की खबर से विभाग में हड़कंप मच गया है। एक सफाई कर्मी की जहां आज ड्यूटी के दौरान पार्क परिसर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की बात सामने आयी है। वहीं ड्यूटी के दौरान ही कल शाम तबियत बिगड़ने वाले दूसरे कर्मी ने भी आज सुबह दम तोड़ दिया। कर्मियों की अचानक मौत से उनके परिजनों में कोहराम मच गया है।
वहीं एक ही दिन में लगातार दो कर्मियों की मौत ने स्मारक समिति से लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण कार्यलय में भी हर संवेदनशील अफसर-कर्मियों को सकते में डाल दिया। करीब 40 वर्षीय दो कर्मचारियों की मौत से जहां स्मारक के साथी कर्मियों में शोक की लहर दौड़ गई है, वहीं उन्हें अपने भविष्य के प्रति भी चिंता में डाल दिया है।
यह भी पढ़ें- एलडीए ऑफिस में एकाएक बिगड़ी कर्मचारी की तबियत, कार्यालय में नहीं मिलें डॉक्टर, हुई मौत
स्मारक से एलडीए तक अफसर साधे रहें चुप्पी
घटना को लेकर स्मारक समिति तो दूर छोटी-छोटी बातों को लेकर बड़े-बड़े प्रेस नोट जारी कराने वाले एलडीए की ओर से भी कोई जानकारी नहीं साझा की गयी है। यहां तक कई सवाल खड़े करने वाली इस घटना के प्रति जवाब देने से बचने के लिए जिम्मेदार अफसर पत्रकारों के फोन रिसीव करने से भी बचते रहें। वहीं पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजते हुए अपनी जांच शुरू कर दी है।
एक की हार्ट अटैक तो दूसरे की लू ने ली जान!
स्मारक समिति के एक कर्मी की मौत हार्ट अटैक, जबकि दूसरे की लू लगने की वजह माना जा रहा, हालांकि मौत का वास्तविक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर ही साफ हो पाएगा।
मिली जानकारी के मुताबिक सफाई कर्मी संजय कुमार की ड्यूटी रमाबाई अंबेडकर पार्क के बाथरूम में लगाई गयी थीं। रोज की तरह संजय आज भी सफाई करने अंदर गए थे। काफी देर बाद साथी कर्मियों ने संजय को वहां अचेत अवस्था में देखा तो उन्हें लोकबंधु अस्पताल पहुंचाया। जहां कुछ समय बाद संजय की मौत हो गयी।
वहीं दूसरे सफाई कर्मी मदन गोपाल तिवारी की अंबेडकर पार्क के बाहरी क्षेत्र में कल शाम ड्यूटी लगी थीं। ड्यूटी के दौरान ही उनकी तबियत बिगड़ने लगी तो सहकर्मियों ने उन्हें प्राइवेट अस्पताल में उपचार कराने की सलाह दी।
अफसरों की अमानवीय जिद ने किया जीना दुश्वार
साथी कर्मियों की माने एलडीए अफसरों की अमानवीय जिद के चलते आर्थिक तंगी की मार झेल रहे मदन अच्छे अस्पताल में न जाकर मामूली दवा लेकर बसंत कुंज स्थित अपने घर चल गए। आज सुबह हालत ज्यादा बिगड़ने पर लोगों ने उन्हें केजीएमयू पहुंचाया, जहां कुछ देर बाद उनकी भी मौत हो गयी।
यह भी पढ़ें- स्मारकों की बदहाली व उसके कर्मचारियों की समस्याओं के लिए मायावती ने भेजा सीएम योगी को पत्र, उठाई ये मांगें
गम-गुस्से में स्मारक कर्मी
दो साथियों को खोने के बाद आज स्मारक कर्मी गम के साथ ही गुस्से में भी दिखे। कर्मियों ने दबी जबान में एक बार फिर एलडीए के अफसरों पर उत्पीड़न और दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाया। कर्मियों का मानना था कि अपने ऑफिस से लेकर बंगले व कारों तक पर करोड़ों फूंक देने वाले अफसर स्मारक कर्मियों को इंसान ही नहीं समझते यहीं वजह है कि बार-बार मांग उठाने की बाद भी मृतक आश्रितों को नौकरी देने से लेकर उनके इलाज जैसी जीवन की बेसिक जरूरत को भी अनदेखा किया जाता है। मांग उठाने पर अफसर उनका गैर जनपद तबादला कर देते हैं।
यह भी पढ़ें- निलंबित चार व्यवस्थापक व 13 स्मारक कर्मियों को LDA वीसी ने किया नोएडा के पार्कों से अटैच, कार्य बहिष्कार भी समाप्त
मौत के चार साल बाद भी नहीं मिला आशीष के परिजनों को फंड
कर्मियों की माने तो करीब चार साल पूर्व अंबेडकर पार्क में तैनात सफाई कर्मी आशीष कुमार की भी मौत हुई थीं। आशीष की मौत के बाद परिजनों की मांग करने पर भी आज तक विभागीय भुगतान नहीं किया गया है।