LDA के साढ़े आठ सौ कर्मचारी-अधिकारियों पर लटकी जबरन रिटायरमेंट की तलवार, इन लोगों को किया जाएगा बाहर

जबरन रिटायरमेंट

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण से भ्रष्‍टाचार और मनमानी के आए दिन मामले सामने आने के बाद एक बार फिर एलडीए ने भ्रष्‍ट, लापरवाह और मनमानी करने वाले कर्मचारी व अधिकारियों पर जबरन रिटायरमेंट की तलवार लटका दी है। चपरासी, माली से लेकर 50 साल की उम्र पार कर चुके बाबू व अनुभाग अधिकारी भी इसकी जद में हैं। एलडीए के अधिष्‍ठान अनुभाग ने एलडीए में कार्यरत करीब साढ़े आठ सौ ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों की लिस्‍ट तैयार की है, जिनकी उम्र 50 साल से ज्‍यादा है।

हालांकि एलडीए इस लिस्‍ट में से उन्‍हीं को जबरन रिटायर करेगा जो कई बार भ्रष्‍टाचार या फिर संगीन लापरवाही के मामले में पकड़े गए हैं। इसके अलावा गंभीर बीमारी से जूझ रहे व कार्य करने में अक्षम कर्मचारी और अधिकारी की भी एलडीए से हमेशा के लिए छुट्टी किए जाने की तैयारी है। साथ ही इस लिस्‍ट में उन अधिकारी और कर्मचारी को भी छांटा जाएगा, जो लंबे समय से एलडीए से गायब चल रहे हैं।

सचिव की अध्‍यक्षता में वीसी ने बनाई कमेटी

इस प्रक्रिया की जांच के लिए एलडीए उपाध्‍यक्ष प्रभु एन सिंह ने कुछ दिनों पहले एलडीए सचिव एमपी सिंह की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमिटी बनाई है। इस कमेटी में वित्‍त नियंत्रक राजीव सिंह के अलावा तहसीलदार अधिष्‍ठान राजेश शुक्‍ला को भी जगह दी गयी है। सचिव की अध्‍यक्षता में बनी कमेटी साढ़े आठ सौ अधिकारी व कर्मचारियों के कैरेक्‍टर रोल व अन्‍य स्‍त्रोतों से जानकारी जुटाने के बाद जबरन रिटायर होने वाले संभावितों की सूची तैयार करेगी। जिसपर अंतिम निर्णय एलडीए उपाध्‍यक्ष को लेना होगा।

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एलडीए में हड़कंप, कुछ का कहना बागियों को चुप कराने की तैयारी तो कुछ…

करीब साढ़े आठ सौ कर्मचारी-अधिकारियों की लिस्‍ट तैयार होने के बाद एलडीए में हड़कंप मच गया है। कुछ लोगों का कहना है कि भ्रष्‍टाचार व अन्‍य मुद्दों को लेकर आलाधिकारियों के खिलाफ मुंह खोलने वालों के खिलाफ सबसे पहले गाज गिर सकती है। हालांकि कुछ अधिकारी और कर्मचारी ये भी कहते हुए एलडीए में देखे जा रहें हैं कि कोई कितनी बड़ी भी गलती क्‍यों न करें कम से कम वर्तमान में एलडीए उपाध्‍यक्ष की कुर्सी पर बैठे वीसी साहब अपने मातहतों का इतना बड़ा नुकसान तो कभी कर ही नहीं सकते हैं, जबरन रिटायमेंट की बात सिर्फ एलडीए की बेपटरी होती व्‍यवस्‍था को लाइन पर लाने का एक आइडिया भर है।

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टल गयी पहली बैठक

अधिष्‍ठान अनुभाग से सूची लगभग तैयार होने के बाद पिछले सप्‍ताह होने वाली स्क्रीनिंग कमिटी की पहली बैठक टल गयी थी। कहा जा रहा है ऐसा एलडीए सचिव के शासन में होने वाली एक बैठक में जाने के चलते हुआ। जल्‍द ही बैठक के लिए नई तिथि निर्धारित की जाएगी।

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दो साल पहले चार कर्मचारियों को एलडीए ने किया था बाहर

बताते चलें कि एलडीए में जबरन रिटायरमेंट की तैयारी दूसरी बार की जा रही है। इससे पहले 50 साल पार के लगभग 11 सौ अधिकरी व कर्मचारियों की स्‍क्रीनिंग करने के बाद अगस्‍त 2017 में एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह ने अपने चार कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया था। हालांकि एलडीए में भ्रष्‍टाचार और मनमानी के मामलों को देखते हुए उम्‍मीद जताई जा रही थी कि सीधे सीएम से जुड़े इस विभाग में कम से कम दर्जनभर कर्मचारियों और अधिकारियों को कंपल्सरी रिटायरमेंट स्कीम के तहत बाहर का रास्‍ता दिखाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका था।

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बीते दो सालों के बीच एलडीए में फर्जी समायोजन, कॉमर्शियल प्‍लॉटों के आवंटन, जरूरी फाइलों के चोरी होने व अवैध निर्माण से जुड़े मामले बड़ी संख्‍या में एलडीए की जनता अदालत व सीधे अधिकारियों के कार्यालय में न सिर्फ सामने आतें रहें, बल्कि मीडिया की सुर्खियों में भी छाए रहें, लेकिन आलाधिकारियों की ओर से किसी भी मामले में बड़े स्‍तर पर कार्रवाई नहीं की गयी। अब इन हालात को देखते हुए कहा जा रहा है कि पिछले दो सालों में जब एलडीए ने किसी पर कोई कार्रवाई ही नहीं की तो किस आधार पर अधिकारी किसी को जबरन रिटायर कर पाएंगे।

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एंटी करप्‍शन व पुलिस ने कसा शिकंजा

एलडीए ने भले ही अपने भ्रष्‍ट, लापरवाह और मनमानी करने वाले अधिकारी, कर्मचारी और इंजीनियरों पर दरियादिली दिखाई हो, लेकिन एंटी करप्‍शन व लखनऊ पुलिस ने एलडीए के कई कर्मचारियों को घूसखोरी और फर्जीवाड़े के मामले में गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया है। एंटी करप्‍शन व पुलिस की कार्रवाई से एलडीए में मनमानी करने वालों से जनता को कुछ राहत जरूर मिली है।

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कंपल्सरी रिटायरमेंट के लिए 50 साल से ज्‍यादा उम्र के कर्मचारी-अधिकारियों की लिस्‍ट बनाई जा रही है। जल्‍द ही इसके लिए मीटिंग भी की जाएगी। सरकार की मंशा के अनुरुप विभाग की छवि बनाए रखने के लिए जो भी कदम उठाना जरूरी होगा उसे उठाया जाएगा। एमपी सिंह, एलडीए सचिव

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