आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बुधवार शाम उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमें में उस समय खलबली मच गयी, जब एकाएक यूपी पुलिस की सबसे बड़ी कुर्सी के मालिक डीजीपी मुकुल गोयल को हटाए जाने का आदेश जारी हुआ। आदेश जारी करते हुए शासन की ओर से कहा गया है कि शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि नहीं लेने व अकर्मण्यता के चलते मुकुल गोयल को हटाया गया है।
मुकुल गोयल को अब बेहद कम महत्व वाले डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर तैनाती मिली है, जबकि नए डीजीपी की नियुक्ति होने तक एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार को डीजीपी का कार्यभार सौंप दिया गया है। साथ ही डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर तैनात रहे विश्वजीत महापात्रा को डीजी सहकारिता बनाया गया है।
वहीं जानकारों की मानें तो ऐेसा पहली बार हुआ है जब किसी डीजीपी पर अकर्मण्यता करने जैसा आरोप लगाते हुए सीधे डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया है। इससे पहले कई डीजीपी हटाए गए, लेकिन उन्हें सीधे नागरिक सुरक्षा के पद पर नहीं भेजा गया। मुकुल गोयल को हटाए जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चां चल रहीं हैं।
कहा यह भी जा रहा है कि मुकुल गोयल योगी सरकार के एजेंडों के साथ पूरी तरह से ताल-मेल नहीं बना रहे थे। मुकुल गोयल सपा में भी एडीजी कानून-व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण पद पर थे। उनकी सपा से निकटता का भी सरकार को अंदेशा था। साथ यूपी विधानसभा के दौरान योगी सरकार में पुलिस के मुखिया की जो नेतृत्व क्षमता दिखनी चाहिए थी, वह भी मन मुताबिक नहीं दिखने के कारण भी शासन नाराज चल रहा था।
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वहीं आज से पहले भी पुलिस महकमें में अकटलें लगाई जाती रहीं कि डीजीपी मुकुल गोयल के शासन के साथ रिश्ते अच्छे नहीं हैं। इन अटकलों को उस समय बल मिला जब पिछले दिनों उन्होंने लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभारी इंस्पेक्टर के कार्यों पर नाराजगी जताते हुए उन्हें हटाने का निर्देश दिया, लेकिन अंतत: इंस्पेक्टर को नहीं हटाया गया। इस घटना के कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री ने सभी जोन, रेंज व जिलों के पुलिस अधिकारियों को अपने विवेक से काम करने और साफ-सुथरी छवि के पुलिस कर्मियों को ही फील्ड में महत्वपूर्ण तैनाती देने का निर्देश दिया था। तब यह माना गया था कि यह निर्देश डीजीपी पर ही ‘संदेश’ देने के उद्देश्य से दिया गया है। इसी तरह कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान डीजीपी की अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय बनी थी।
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वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री के साथ शासन के आला अफसरों के साथ अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार मौजूद थे, जबकि डीजीपी लखनऊ में मौजूद होने के बावजूद इसमें शामिल नहीं हुए थे।
दिल्ली से आकर संभाली थी डीजीपी की कुर्सी
साल 1987 बैच के यूपी कैडर के आइपीएस अफसर मुकुल गोयल वर्तमान में प्रदेश के वरिष्ठतम पुलिस अफसर हैं। हालांकि 1987 बैच के ही आइपीएस अफसर जीएल मीना डीजी सीबीसीआईडी, डॉ. राजेन्द्र पाल सिंह डीजी प्रशिक्षण, विश्वजीत महापात्रा भी डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर कार्यरत हैं। मुकुल गोयल ने दो जुलाई 2021 को डीजीपी का पदभार संभाला था। इससे पहले वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में एडीजी (ऑपरेशंस) के पद पर तैनात थे। वह दो जुलाई को ही सुबह नई दिल्ली से आए थे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार भेंट करने के बाद पुलिस मुख्यालय की सिग्नेचर बिल्डिंग पहुंच कर कार्यभार संभाला था। उन्होंने एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार से डीजीपी का कार्यभार ग्रहण किया था। इससे पहले डीजीपी रहे एचसी अवस्थी 30 जून 2021 को रिटायर हो गए थे।