प. बंगाल से ममता शुरू करेंगी EVM के खिलाफ आंदोलन, विपक्ष से भी की अपील, संविधान बचाने को बैलेट पेपर की मांग करें बुलंद

ईवीएम के खिलाफ

आरयू वेब टीम। लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड बहुमत के बाद एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) सवालों के घेरे में है। इस बार पश्चिम बंगाल की सीएम व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्‍यक्ष ममता बनर्जी ने सवाल खड़ा किया है। साथ ही ममता ने सोमवार को ईवीएम के खिलाफ पश्चिम बंगाल से आंदोलन करने का भी ऐलान किया है।

सोमवार को अपनी पार्टी के मंत्री, विधायक व अन्‍य नेताओं के साथ वेस्‍ट बंगाल की सीएम ने समीक्षा बैठक करने के बाद मीडिया से कहा कि हमें लोकतंत्र को बचाना है। हम मशीन नहीं चाहते, हम बैलट पेपर सिस्टम की वापसी चाहते हैं। हम इसके लिए आंदोलन करेंगे और इसकी शुरुआत बंगाल से होगी।

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उन्होंने अन्य विपक्षी दलों से भी आज अपील कि है की वो संविधान बचाने के लिए फिर से बैलट पेपर के जरिए वोटिंग के लिए आवाज बुलंद करें। ईवीएम के खिलाफ आंदोलन का ऐलान करते हुए ममता ने कहा कि ईवीएम से जुड़े विवरणों की जांच के लिए फैक्ट-फाइंडिंग कमिटी का गठन होना चाहिए।

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अमेरिका जैसे देशों ने भी ईवीएम को कर दिया बैन

ईवीएम के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ने आगे कहा कि ‘मैंने विपक्ष की 23 पार्टियों से एक साथ आने और बैलेट पेपर की वापसी की मांग करने को कहा है। ईवीएम की सार्थकता पर सवाल उठाते हुए ममता ने कहा कि यहां तक कि अमेरिका जैसे देशों ने भी ईवीएम को बैन कर दिया है, लेकिन भारत में इसके लिए मनमानी की जा रही है।

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वही ममता ने आज भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने  पैसे, ताकत, सरकारी संस्थाओं, मीडिया और सरकार का गलत इस्तेमाल किया है। साथ ही ममता बनर्जी ने लेफ्ट फ्रंट पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में सूबे की 42 सीटों में से 18 पर बीजेपी की जीत के लिए लेफ्ट फ्रंट जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी सिर्फ 18 सीट जीत पाई, जबकि वह 23 का दावा कर रही थी और वह भी लेफ्ट फ्रंट पार्टियों की वजह से जीत पाई, लेकिन इन हालात में भी हम अपने वोट शेयर को चार प्रतिशत बढ़ाने में कामयाब हुए।

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