आरयू वेब टीम। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी वीवीपैट पर्चियों की जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिका को बकवास बताते हुए कहा कि हम ऐसी याचिकाओं को बार-बार समय नहीं दे सकते। लोग अपने प्रतिनिधियों को चुन रहे हैं और हम इसके बीच में नहीं आ सकते।
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उच्चतम न्यायालय ने लोकसभा चुनाव के लिए 23 मई को होने वाली मतगणना के दौरान सौ फीसदी मिलान की मांग की गयी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर इस मामले में दखल दिया गया तो इससे लोकतंत्र को नुकसान होगा। दरअसल चेन्नई के टेक फॉर ऑल ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल कर कहा कि तकनीकी तौर पर वीवीपीएटी से जुडी ईवीएम सही नहीं हैं, जिस पर कोर्ट ने कहा कि कि आप न्यूसेंस क्रिएट कर रहे हैं।
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इस दौरान कोर्ट ने ये भी कहा कि ‘इस मामले पर पहले ही चीफ जस्टिस की बेंच फैसला दे चुकी है। फिर आप इस मामले को वेकेशन बेंच के सामने क्यों उठा रहे हैं?’ याचिका को बकवास बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यही करते रहे तो इससे लोकतंत्र को नुकसान होगा।
बता दें कि याचिकाकर्ता ने गोवा और उड़ीसा में ईवीएम में गड़बड़ी का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से सभी ईवीएम का वीवीपैट से मिलान करने की मांग की थी। सात मई को ही सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान को लेकर सुनवाई हुई थ, जहां शीर्ष अदालत ने विपक्ष की याचिका को खारिज कर दिया था।