आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अकसर भाजपा सरकार पर सवाल उठाने वाले भाजपा सांसद वरूण गांधी एक फिर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किए है। साथ ही उन्होंने लोगों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। दरअसल अमेठी में संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया है, जिसको लेकर अपनी ही सरकार पर वरूण गांधी ने सवाल किया है कि बिना किसी जांच के अस्पताल के लाइसेंस को तुरंत कैसे निलंबित कर सकते है।
वरूण गांधी ने अपने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि, गहन जांच के बिना, अमेठी में संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस का त्वरित निलंबन उन सभी व्यक्तियों के साथ अन्याय है जो न केवल प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बल्कि अपनी आजीविका के लिए भी संस्थान पर निर्भर हैं। जबकि, जवाबदेही महत्वपूर्ण है, यह जरूरी है कि निष्पक्षता और निष्पक्षता के सिद्धांतों को बरकरार रखा जाए।
भाजपा के गांधी ने आगे कहा कि योगी सरकार को मेरा पत्र आदरपूर्वक इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग करता है। मुझे आशा है कि हमारे नागरिकों की चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच निर्बाध रहेगी, जबकि सरकार एक पारदर्शी जांच सुनिश्चित करती है जो तत्काल चिंताओं को संबोधित करती है, और किसी भी प्रणालीगत मुद्दों की पहचान करती है और उन्हें ठीक करती है जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना में योगदान दे सकते हैं।
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एक अन्य पोस्ट में वरुण गांधी ने कहा है कि सवाल सिर्फ संजय गांधी अस्पताल के 450 कर्मचारियों का और उनके परिवार का ही नहीं है, बल्कि उस आम जनता का भी है जो हर दिन अस्पताल में इलाज कराने आती है। उनकी पीड़ा के साथ न्याय ‘मानवता की दृष्टि’ ही कर सकती है, ‘व्यवस्था का अहंकार’ नहीं। कहीं ‘नाम’ के प्रति नाराजगी लाखों का ‘काम’ न बिगाड़ दे।