आरयू वेब टीम। उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने बीते शुक्रवार की रात 11.40 बजे सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। पीड़िता की मौत के बाद मिडिया के सामने आए उसके भाई ने दुखी होते हुए कि, मैं अपनी बहन को नहीं बचा पाया। अब मैं सरकार और पुलिस से मांग करता हूं कि मेरी बहन इस दुनिया में नहीं है तो उसके दाषियों को भी मौत मिलनी चाहिए। उनका एनकाउंटर किया जाए या फिर फांसी पर लटकाया जाए।
यह भी पढ़ें- हैदराबाद के बाद UP में हैवानियत, गैंगरेप की शिकार युवती को जिंदा जलाया, केस की पैरवी के लिए उन्नाव में घर से निकली थी पीड़िता
भाई ने ये भी बताया कि बहन को हमने वादा किया था कि उसे बचा लेंगे पर नहीं बचा पाए। हम पांचों आरोपितों को सजा दिलवाकर रहेंगे। वहीं पीड़िता के अंतिम संस्कार के बारे में भाई ने कहा अपनी बहन के शव को न गंगा में बहाएंगे, न ही आग के हवाले करेंगे, उसे धरती मैया की गोद में घर के ही सामने दफनाएंगे।
यह भी पढ़ें- उन्नाव कांड के विरोध में विधानसभा के बाहर धरना देकर बोले अखिलेश, मुख्यमंत्री के हटे बिना नहीं सुरक्षित हो सकतीं बेटियां
यहां बताते चलें कि आज सुबह दिल्ली में युवती के शव का पोस्टमॉर्टम होने के बाद परिजन उसे लेकर रात में उन्नाव पहुंचें थे। गैंगरेप के बाद न्याय के लिए जंग लड़ते समय इतनी दर्दनाक तरीके से जान गंवाने वाली युवती का शव देख उन्नाव में भी हर किसी की आखों में आंसू और चेहरे पर गुस्सा था।
यह भी पढ़ें- उन्नाव पहुंची प्रियंका से पीड़िता के पिता ने बयां की दर्दभरी आपबीती, सालभर से आरोपित पूरे परिवार को कर रहे थे प्रताड़ित
बता दें कि सफदरजंग अस्पताल के एचओडी डॉ. शलभ कुमार ने मीडिया को बताया कि रात करीब साढ़े आठ बजे वेंटीलेटर पर हरकत हुई और पीड़िता का ब्लड प्रेशर गिरने लगा। डॉक्टरों ने एक साथ दवाओं की डोज शुरू की साथ ही उसके हाथ पैरों को मलना शुरू किया। इससे रात 9.25 बजे ब्लड प्रेशर थोड़ा ठीक हुआ, लेकिन 11.10 पर फिर से हालत बिगड़ी, आनन फानन में डॉक्टरों की टीम ने उसे दो इंजेक्शन दिए लेकिन 11.30 कार्डियक अटैक आने से उसकी धड़कनों की गति कम होने लगी और ब्लड प्रेशर भी कम होता गया। इसके बाद 11.40 मिनट पर पीड़िता को मृत घोषित कर दिया।