ग्रेनो में दो अवैध इमारत गिरने से आठ की मौत, बिल्‍डर सहित चार गिरफ्तार, जांच के आदेश

अवैध इमारतें गिरी
मौके पर मलबा हटाती जेसीबी।

आरयू वेब टीम। 

उत्‍तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा (ग्रेनो) के वेस्‍ट में स्थित शाहबेरी इलाके में मंगलवार की देर रात छह मंजिला दो अवैध बिल्डिंगों के गिरने से हड़कंप मच गया है। इस हादसे में बुधवार की रात तक आठ लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी थी, जबकि दर्जनों लोग मलबे में फंसे थे। उनको बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य एनडीआरएफ की टीम द्वारा जारी था। हादसे के बाद जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है उसमें फंसे लोगों के जिंदा होने की उम्‍मीदें भी धूमिल पड़ती जा रही है।

वहीं हादसे के बाद पुलिस ने बुधवार को 18 लोगों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्‍या समेत अन्‍य धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए बिल्‍डर गंगा शरण द्विवेदी समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि हादसे की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश जारी किए गए हैं। 15 दिन में एडीएम की जांच पूरी होगी।

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दूसरी ओर मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतम बुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस को भी निर्देश दिया है कि वे एनडीआरएफ टीम के साथ राहत और बचाव कार्यों पर निगरानी रखे।

ऐसी फलती-फूलती गयी मौत देने वाली इमारतें

बताया जा रहा है कि शाहबेरी गांव का ग्रेटर नोएडा में अधिग्रहण प्राधिकरण क्षेत्र 2010 में रद हो गया था। इसके बाद गांव में बड़ी संख्या में बिल्‍डर सक्रिया हो गए। दिल्‍ली से सटा इलाका होने के चलते बिल्‍डरों ने किसानों से सस्ती दर से जमीन खरीदकर ऊंची-ऊंची इमारतें अवैध रूप से बनानी शुरू कर दी। इसके बाद भी सरकारी विभाग के लोग भी आंखें बंद किए रहे।

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सामने आया है कि बिल्डिंगों का न कहीं से नक्शा पास कराया गया और न ही किसी आर्किटेक्ट से सत्यापित कराया गया। इतना ही नहीं बिल्‍डरों ने मुनाफाखोरी के चलते इमारतों की गुणवत्‍ता पर भी ध्‍यान नहीं दिया।

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जो बिल्डिंगें गिरी है उनमें सेप्टिक टैंक भी बनाया गया था। लोगों ने बताया कि दोनों इमारतों में सीलन रहती थी। समझा जा रहा है कि सेप्टिक टैंक के कही से लीक होने के चलते दीवारें कमजोरी हो गयी होंगी। जो बाद में इमारतों के ढहने का कारण बनीं। हालांकि अभी इस बारे में अधिकारी मीडिया से बोलने से बच रहें हैं।

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