आरयू वेब टीम।
व्यापारियों और विपक्ष के विरोध के बाद आज आधी रात से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू कर दिया गया। संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम नरेंद्र मोदी ने रात 12 बजे घंटी बजाकर जीएसटी को लांच किया।
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जीएसटी के लागू होने से पहले प्रधानमंत्री ने बुलाए गए संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी भारत का आर्थिक एकीकरण है, यह ठीक उसी तरह है जैसा सरदार वल्ल्भभाई पटेल ने कई दशक पहले देश को एकजुट करने के लिए किया था। उन्होंने जीएसटी को अपनी भाषा में गुड और सिंपल टैक्स बताते हुए कहा कि इसके लागू होने के साथ ही 31 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश एक साथ जुड़ जाएंगे और टोल नाकाओं पर लंबी कतारें समाप्त हो जाएंगी।
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व्यापारियों के विरोध और जीएसटी की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि आंखों को भी नए चश्मे के साथ तालमेल बिठाना पड़ता है जिसमें कुछ दिन लगते हैं। जीएसटी एक पारदर्शी और साफ-सुथरी प्रणाली है जो कालेधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएगी और एक कार्य संस्कृति को आगे बढ़ाएगी।
‘लोकतंत्र की परिपक्वता और समझदारी को समर्पित’
वहीं राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जीएसटी को लागू किया जाना देश के लिये महत्वपूर्ण क्षण है। यह भारत के लोकतंत्र की परिपक्वता और समझदारी को समर्पित है। उन्होंने कहा कि जीएसटी भारतीय निर्यात को ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाएगा और आयात से मुकाबला करने के लिये घरेलू उद्योगों को समान अवसर देगा।
जेटली ने कहा देश से महंगाई होगी कम
आज के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की शुरूआत वित्त मंत्री अरुण जेटली के भाषण से हुई। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी आपने आप में खुद ही एक बड़ी उपलब्धि है। यह नए युग की शुरूआत है। देश से महंगाई कम होने के साथ ही टैक्स चोरी भी रूकेगी। नए भारत का निर्माण होगा। अब केंद्र और राज्य सरकार मिलकर एक ही दिशा में काम करेंगे। इसके लागू होने से 17 टैक्स और 23 तरह के सेस खत्म हो जाएंगे।
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