आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ के गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज के पूर्व कार्यवाहक प्रिंसिपल विजय गुप्ता को वित्तीय अनियमितताओं व धोखाधड़ी के चलते योगी सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। वो पिछले करीब चार महीने से निलंबित चल रहे थे। विजय गुप्ता पर स्पोर्ट्स कॉलेज में हुई अपनी नियुक्ति के दौरान फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाने का आरोप लगा था। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद स्पोर्ट्स कॉलेज की प्रबंध समिति की हुई बैठक में गुप्ता को बर्खास्त करने का फैसला लिया गया। इतना ही नहीं वित्तीय अनियमितता और धोखाधड़ी के इस मामले में उनके खिलाफ गुडंबा थाने में एफआइआर भी दर्ज कराई गई है।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी ने विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि पूर्व में उनके द्वारा पूरे प्रदेश के क्रीडा अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी, जिसमें विजय गुप्ता के खिलाफ कई गम्भीर अनियमितताएं प्रकाश में आयी थी।
साथ ही विभाग में बजट के दुरूपयोग का भी मामला संज्ञान में आया। तत्काल प्रकरण की जांच के लिए निदेशक खेल के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था। जांच समिति द्वारा जांच में 5.5 करोड़ रुपये की अनियमितता पाई गई। जांच रिपोर्ट प्राप्त होते ही विजय गुप्ता को प्रधानाचार्य पद से हटा दिया गया था।
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उपेन्द्र तिवारी ने बताया कि विजय कुमार गुप्ता ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी हासिल की। उनके अनुभव प्रमाण पत्र भी जांच में गलत पाये गये। उन्होंने बताया कि विजय गुप्ता ने लखनऊ विश्वविद्यालय से वर्ष 2002 में एमए(इतिहास), कानपुर से वर्ष 2003 में बीएड पास किया है तथा वर्ष 2000 से प्री-डे एंड केयर इंटर कॉलेज, राजाजीपुरम, लखनऊ में हाईस्कूल व इंटर की कक्षाओं में इतिहास विषय के अध्यापन कार्य का अनुभव प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया था।
मंत्री ने बताया कि जांच आख्या में स्पष्ट किया गया है कि बीएड मात्र संस्थागत रूप में किया जाता है, जिससे रेगुलर क्लासेज लिए जाते हैं तथा टीचिंग प्रेक्टिस हेतु किसी स्थानीय स्कूल एवं काॅलेज में विश्वविद्यालय/डिग्री कॉलेज के निरीक्षक की देखरेख में क्लासेज लेनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में विजय गुप्ता द्वारा लखनऊ के कॉलेज में कथित अध्यापन कार्य के साथ-साथ कानपुर में बीएड के क्लास लेना संभव नहीं है। इसके अलावा विजय गुप्ता पर कई प्रकार के गंभीर आरोप सिद्ध पाये गये, जिससे उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की गई है।
गौरतलब है कि स्पोर्ट्स कॉलेज में टीचर विजय गुप्ता को वरिष्ठतम होने के चलते 18 अगस्त 2015 से 15 सितंबर 2019 तक कॉलेज के प्रिंसिपल का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था, लेकिन उनके कामकाज के दौरान वित्तीय अनियमितताएं सामने आई और फिर जांच के बाद उन्हें पदमुक्त कर दिया गया।