आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने शनिवार को कहा कि हमें अपना नुकसान करके भी संस्थाओं के सम्मान को बचाना चाहिए। साथ ही कहा कि पिछले तीन सालों में इस भवन को ही नहीं, बल्कि इसकी आत्मा को भी जगाने का कार्य किया है। पांच भाषाओं अवधी, भोजपुरी, ब्रज, बुंदेली और अंग्रेजी में विधानसभा सत्र की कार्यवाही शुरु किये जाने की भी जानकारी दी।
सतीश महाना ने विधानभवन में शनिवार को अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने पर मीडिया से कहा कि संस्था का सम्मान बना रहेगा तो सभी का सम्मान बना रहेगा, लेकिन अगर संस्था को क्षति पहुंची तो सभी को नुकसान होगा।
बिना आपके सहयोग के नहीं बनती ये धारणा
वहीं पत्रकारों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रति तीन वर्षों में आम जनता में जो धारणा बनी है वह बिना आप सबके सहयोग से संभव नहीं था।
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साथ ही कहा कहा कि 29 मार्च 2022 में सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुना गया था। अध्यक्ष बनने के बाद महाना ने सदन में कई प्रमुख बदलाव किये। महाना ने विधानसभा को ‘पेपरलेस’ बनाने से लेकर सभी सदस्यों की सीट पर ही ‘लैपटॉप’ उपलब्ध कराने और भवन को आकर्षक बनाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने अपने हाल के दिल्ली दौरे में लोकसभा अध्यक्ष, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री समेत अनेक नेताओं से मुलाकात पर चर्चा करते हुए बताया कि सबने उत्तर प्रदेश के विधानसभा के बदलते स्वरूप और विधायिका की चर्चा की। महाना ने कहा कि सपा, कांग्रेस के लोगों ने भी विधानसभा के बदलते स्वरूप की चर्चा की।