आरयू स्पेशल,
लखनऊ। राजभवन के पास हाई सिक्योरिटी जोन में गनमैन की हत्या के बाद हुई छह लाख 44 हजार लूट की सनसनीखेज घटना का खुलासा भले ही पुलिस ने पांच दिनों में कर बड़ी कामयाबी हासिल की है, लेकिन इस लूटकांड ने एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली पर लोगों को ऊंगली उठाने का मौका दे दिया है।
चौंकाने वाली बात ये है कि पुलिस को चुनौती देने वाली घटना को अंजाम देने के बाद विनीत कुमार तिवारी बड़े आराम से लूट के पैसों से लखनऊ के साथ ही रायबरेली में अपने व परिजनों के लिए कपड़ें, जूते समेत तमाम ब्रांडेड सामानों की मॉल और दुकानों में शॉपिंग करता रहा, लेकिन पुलिस को उसकी भनक तक नहीं लग सकी।
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कहा जा रहा है कि लूट की रकम हाथ में आते ही लूट से पहले मोमोस का ठेला लगाकर परिवार का पेट पालने वाले विनीत ने बेतहाशा खर्च करना शुरू कर दिया। उसने अपने लिए ब्रांडेड कपड़ों व जूतों के अलावा पत्नी के लिए भी खरीदारी की, उसकी शाहखर्ची का अंदाज इस बात से ही लगाया जा सकता है कि लूटे गए छह लाख 44 हजार में से पुलिस उसके पास से चार लाख 74 हजार रुपए ही बरामद कर सकी। जबकि पांच दिनों में ही उसने एक लाख 70 हजार रुपए खर्च कर डाले।
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हालांकि पुलिस अभी इस बारे में साफ तौर पर नहीं बोल रही है, पुलिस का कहना है कि विनीत ने खरीददारी तो की है, लेकिन हो सकता है कि लूट की रकम खर्च करने के साथ ही उसने उसमें से किसी को कुछ रुपए दिए भी हो। पुलिस इस बारे में पता लगा रही है। आइजी रेंज सुजीत पाण्डेय ने कहा कि कुछ सवालों का जवाब अभी नहीं मिल सका है, विस्तृत रूप से पूछताछ के लिए विनीत को पुलिस रिमांड पर भी लेगी।
हाई सिक्योरिटी जोन में घंटों असलहे के साथ मौजूद रहा खूनी लुटेरा!
राजभवन के पास वो भी एक बैंक के सामने करीब साढ़ें तीन बजे दोपहर हत्या कर लूट करने वाला विनीत पिस्टल व तमंचे के साथ घंटों खड़ा रहा, लेकिन किसी भी पुलिसकर्मी ने उसे पकड़ना तो दूर पूछताछ की भी जरूरत नहीं समझी। विनीत का कहना था कि वह बैंक के पास करीब 12 बजे ही पहुंचकर अपने टारगेट का इंतजार कर रहा था, लेकिन साढ़े तीन बजे कैश वैन आने के बाद उसने उसे लूटने का मन बनाया था।
…तो बच जाती जान
विनीत के बयान के बाद ये बात साफ हो जाती है कि अगर पुलिस ने बैंक सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभायी होती तो न सिर्फ गनमैन की जान बच जाती, बल्कि पुलिस के साथ ही योगी सरकार की भी किरकिरी कराने वाली ये घटना न होती। हालांकि पुलिस का दावा है कि विनीत घटना को अंजाम देने के लिए तीन बजे बैंक के पास पहुंचा था।
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बदमाश का चेहरा खुला देख हर कोई लगा रहा था कयास
कैश वैन लूटकांड के बाद खूनी हत्यारे को बाइक से बिना हेलमेट भागने का वीडियो शायद आपने ने भी देखा होगा। वीडियो देखने के बाद हर किसी को एक ही सवाल परेशान किए हुए था कि सीसीटीवी कैमरों से घिरे इलाके में कोई बदमाश चेहरा खोलकर वारदात को अंजाम देने का आखिर जोखिम क्यों उठा सकता है। वो भी उस कंडीशन में जब एसएसपी के निर्देश पर शहर भर ‘नो हेलमेट नो पेट्रोल’ के तहत पुलिस अभियान चला रही हो।
लुटेरे का हेलमेट हो गया चोरी
इस राज से पर्दा उठाते हुए विनीत ने मीडिया को बताया कि उसने अपनी बाइक बैंक के पास खड़ी करने बाद हेलमेट भी उसी पर रख दिया था। काफी देर तक कोई ऐसा व्यक्ति नहीं दिखा जिसके साथ वो लूट की घटना को अंजाम दे सके तो वह बाइक के साथ ही हेलमेट को वहीं छोड़कर बैंक के सामने वाली पट्टी में पैदल ही जा खड़ा हुआ था, जहां उसकी मुलाकात कैश वैन के चालक से हुई और वह घटना को अंजाम देने के बाद बाइक के पास वापस पहुंचा तो उसका हेलमेट चोरी हो चुका था। जिसके बाद उसे मजबूरी में बिना हेलमेट के ही मोटरसाइकिल लेकर भागना पड़ा था।
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…तो एसएसपी का अभियान यहां आया काम!
विनीत के इस खुलासे के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाइक पर एसएसपी द्वारा हेलमेट अनिवार्य किए जाने के बाद किसी बाइकचालक ने पुलिस से बचने के लिए उसका हेलमेट चोरी कर लिया होगा और उसकी इसी चोरी ने विनीत को सलाखों के पीछे पहुंचाने में बेहद अहम भूमिका निभाई।