आरयू ब्यूरो,लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के बढ़ते संक्रमण के बीच यूपी विधानसभा चुनाव कराने को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। उच्च न्यायालय ने भारतीय निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार से विधानसभा चुनाव टालने पर विचार करने की अपील की है।
वहीं सपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। सपा नेता ने शुक्रवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि ओमीक्रॉन कोई खतरनाक मामला नहीं है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऐसा क्यों निर्देश दिया है?
इलाहाबाद हाई कोर्ट की इस टिप्पणी के लिए रामगोपाल यादव ने कहा, ”यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है की उच्च न्यायलय में ऐसे मांग पर नोटिस ले रहा है। मेरी सर्वोच्च न्यायलय से अनुरोध है की वह खुद एक्शन ले। उत्तर प्रदेश में जनमानस पूरी तरह से भाजपा के खिलाफ है। हो सकता है की इसलिए भाजपा चुनाव टालने का बहाना ढूंढ़ रही है। रही बात कोरोना की तो कुछ खतरा नहीं है, सब ठीक है।
दरअसल, जस्टिस शेखर कुमार यादव ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी से ओमीक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण के बीच यूपी विधानसभा चुनाव कराने के फैसले पर विचार करने के लिए कहा था। अदालत ने कहा था कि जान है तो जहान है।
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साथ ही कोरोना की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए अदालत ने राजनीति पार्टियों द्वारा भीड़ एकत्रित कर चुनावी रैलियों पर रोक लगाने की भी अपील की। अदालत ने कहा था कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार टीवी व समाचार पत्रों के माध्यम से करें।
वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी के बारे में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में चुनाव टलेंगे या अपने समय पर होंगे इस बारे में अगले हफ्ते फैसला होगा। इस बीच चुनाव आयोग ने 29 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को मीटिंग के लिए लखनऊ बुलाया है।