अटल जी का छह दशक का निष्कलंक राजनैतिक जीवन हमेशा किया जाएगा याद: योगी

निष्कलंक राजनैतिक जीवन

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्र अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर आज यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवेदनाएं जाहिर करते हुए कहा है कि उनका जाना राजनीति में एक महायुग का अवसान है। एक अपूरणीय क्षति है।

सीएम योगी ने एक के बाद एक ट्वीट जारी कर उनके योगदान को याद किया और कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण देकर ऐतिहासिक पहल की थी।

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मुख्‍यमंत्री ने आगे कहा कि अटलजी के स्वर्गवास से भारत मां ने एक अपना एक महान सपूत खो दिया है। अटल जी के निधन से राष्ट्र को जो क्षति हुई है उसकी भरपायी होना कठिन है। साथ ही उनका छह दशक का निष्कलंक राजनैतिक जीवन हमेशा याद किया जाएगा। अटल जी ने राजनीति को मूल्यों और सिद्धान्तों से जोड़कर देश में सुशासन की आधारशिला रखी थी

सीएम पूर्व प्रधानमंत्री के योग्‍दान को याद करते हुए बोले कि परमाणु शक्ति का परीक्षण कर अटल जी ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्‍न राष्ट्र घोषित किया। कारगिल युद्ध के दौरान धैयपूर्वक प्रभावी कार्यवाही करते हुए उन्होंने भारतीय क्षेत्र को मुक्‍त करवाया।

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मुख्‍यमंत्री ने कहा कि कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अटल जी के योगदान का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अटल जी को ‘भारत मार्ग विधाता’ बताया था। उनके द्वारा लागू की गई स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने भारत के विकास के बड़े द्वार खोलने का काम किया। मेट्रो रेल के संचालन में उनके कार्यकाल में नए कीर्तिमान स्थापित किए गए।

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अटल जी का मानना था कि देश के विकास का केंद्र बिन्दु ग्रामीण भारत ही हो सकता है। इसलिए उन्होंने पीएम रहते हुए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को मूर्तरूप दिया। जिससे कि देश के ग्रामीण इलाकों को पक्के मार्गों से जोड़ा जा सका। उन्होंने राजनीति को समावेशी स्वरूप प्रदान करते हुए देश में व्याप्त राजनैतिक अस्थिरता के माहौल को स्थायित्व में परिवर्तित किया था।

इसके अलावा राजनीति में आने से पहले अटल जी पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय थे। उन्होंने ‘राष्ट्रधर्म’, ‘पांचजन्य’ और ‘वीर अर्जुन’ आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।

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सोशल मीडिया के जरिए मुख्‍यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री के व्‍यक्तिव पर प्रकाश डालते हुए ये भी कहा कि वो एक संवेदनशील कवि भी थे। उनकी कविताओं में उनके संघर्षमय जीवन, परिवर्तनशील परिस्थितियों, राष्ट्रव्यापी आन्दोलन, जेल-जीवन आदि अनेक आयामों का प्रभाव दिखता है।