इंदौर कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, दुधमुंही बच्‍ची से रेप और हत्‍या के दोषी को 23 दिन में सुनाई मौत की सजा

मौत की सजा
प्रतिकात्‍मक फोटो।

आरयू वेब टीम। 

मध्य प्रदेश के इंदौर में चार महीने की मासूम की रेप के बाद हत्‍या के मामले में जिला अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। इंदौर में ये पहला मामला होगा जिसमें महज 21 दिनों की सुनवाई के बाद फैसला सुना दिया गया है।

इस मामले में फैसले को लेकर शनिवार को आरोपित नवीन को पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। सुरक्षा की दृष्टि से कोर्ट रूम के भीतर मीडिया कर्मियों को जाने पर भी रोक लगा दी गई। मिली जानकारी के अनुसार जज ने सात दिन तक सात-सात घंटे सिर्फ इसी केस को सुना और 21 दिन में सुनवाई पूरी होने के बाद 23वें दिन फैसला सुना दिया।

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मालूम हो कि इंदौर के राजवाड़ा इलाके में 19 अप्रैल की रात को आरोपित ने चार माह कि दुधमुंही बच्‍ची को अगवा कर दुष्‍कर्म करने के बाद उसकी हत्‍या कर दिया था। हालांकि पहले बच्‍ची की उम्र एक साल बताई गई थी। वहीं आरोपित को वारदात के दूसरे ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया था और आरोपित की कोर्ट में पेशी के दौरान जमकर पिटाई भी हुई थी।

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी ने गिरफ्तारी के बाद 27 अप्रैल तक सभी सबूत कोर्ट के सामने पेश कर दिए थे और 28 अप्रैल से सात मई तक रोजाना मामले की कोर्ट में सुनवाई हो रही थी।

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यहां बतातें चले कि नया कानून बनने के बाद यह पहला मामला है, जहां आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। हाल ही में केंद्र सरकार ने पॉक्सो कानून में संशोधन कर 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार करने वालों के खिलाफ मौत की सजा के कानून को मंजूदी दे दी है। नए कानून के तहत अब यदि बलात्कार के मामले में लड़की की आयु 12 साल से कम होगी तो बलात्कारी को मौत की सजा होगी।

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