INS विक्रांत पर हुई हल्के लड़ाकू विमान LCA की लैंडिंग, भारतीय नौसेना की बड़ी कामयाबी

आरयू वेब टीम। भारतीय नौसेना ने सोमवार को एक और उपलब्धि हासिल की है। भारत में निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) को लैंड कराने में सफलता हासिल की गई। ये कारनामा नौसेना के काबिल पायलटों ने कर दिखाया। हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) खास तौर पर नौसेना के लिए ही बनाए गए हैं।

एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत और एलसीए दोनो ही भारत में ही डिजाइन किए गए हैं, इसलिए आज भारत के लिए गर्व का क्षण भी है। भारत की तीनों सेनाओं के लगातार ताकतवर और आधुनिक बनाने का कार्य जारी है और आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत बनाए गए हल्के लड़ाकू विमान को समुद्र में तैरते विमान वाहक पोत पर लैंड कराकर भारत ने एक और कामयाबी हासिल की है। लड़ाकू विमानों को एयरक्राफ्ट कैरियर पर लैंड कराने के लिए विशेष योग्यता की जरूरत होती है। केवल उच्च प्रशिक्षित पायलट ही ऐसा कर पाने में सक्षम होते हैं।

मालूम हो कि एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत का निर्माण  केरल में भारतीय नौसेना के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में किया गया है। 45,000 टन वजनी आईएनएस विक्रांत की लंबाई और चौड़ाई क्रमशः 262 मीटर और 62 मीटर है।  यह 59 मीटर ऊंचा है और समुद्र में इसकी अधिकतम स्पीड 28 नॉट्स तक है। यानी करीब 51 किमी प्रतिघंटा। यह एयरक्राफ्ट कैरियर एक बार में 7500 नॉटिकल मील यानी 13,000+ किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है।

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दूसरी तरफ अगर  हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) की बात की जाए तो भारत का ये हल्‍का लड़ाकू विमान दुनिया के कई देशों के विमानों पर भारी है। कई तरह की अत्‍याधुनिक सुविधाओं से लैस एलसीए में आधुनिक  मिसाइलें फिट की जा सकती हैं।  इस विमान से एक हजार पाउंड का बम, लेजर गाइडेड मिसाइल या बम, एयर टू एयर मिसाइल, एयर टू सर्फेस मिसाइल को भी दागा जा सकता है।

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