हिंदूवादी नेता
कमलेश तिवारी। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। पैगंबर मोहम्‍मद पर आपत्तिजनक टिप्‍पणी करने के बाद हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी आतंकी संगठन आइएसआइएस की हिट लिस्ट में आ गए थे। साल 2017 में गुजरात एटीएस के हत्थे चढ़े आइएसआइएस के ही दो आतंकियों से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ था।

आतंकियों के सरदार ने उन्हें कमलेश का यू-ट्यब पर वीडियो दिखाकर कहा था (जिस वीडियो में कमलेश पैगंबर मोहम्‍मद पर आपत्तिजनक टिप्‍पणी कर रहे थे) कि उन लोगों को कमलेश तिवारी की हत्‍या करनी है। जांच एजेंसी ने दोनों आतंकियों के खिलाफ कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में भी इस बात का जिक्र किया था।

वहीं पति की निर्ममतापूर्वक की गयी हत्‍या के बाद कमलेश तिवारी की पत्‍नी किरन तिवारी ने बिजनौर जिले के दो लोगों के खिलाफ नामजद समेत एक अज्ञात के खिलाफ नाका कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। किरन तिवारी ने अपनी तहरीर में कहा है कि करीब तीन साल पहले बिजनौर जिले के मोहम्‍मद मुफ्ती नईम काजमी ने पति का सिर कलम करने वाले को 51 लाख, जबकि बिजनौर के ही इमाम मौलाना अनवारुल हक ने ऐसा करने वाले को डेढ़ करोड़ रुपए ईनाम देने का ऐलान किया था।

किरन के अनुसार इन्‍हीं दोनों लोगों ने साजिश रचते हुए उनके पति की आज हत्‍या करवा दी है। तहरीर के आधार पर नाका पुलिस ने दोनों आरोपितों के अलावा एक अज्ञात के खिलाफ भदवि की धारा 302 (हत्‍या) व 120 बी (साजिश रचने) के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए अपनी जांच इस बिंदु पर भी तेज कर दी है।

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हत्‍या के पीछे आतंकी कनेक्‍शन के बारें में यहां बताते चलें कि 25 अक्टूबर 2017 को गुजरात एटीएस ने मोहम्मद कासिम स्टिंबरवाला और उबेद अहमद मिर्जा को सूरत से गिरफ्तार किया था। एटीएस ने दावा किया था कि वे आतंकी संगठन आइएसआइएस से जुड़े हैं। 20 अप्रैल 2018 को जांच एजेंसी ने दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। जिसमें एटीएस ने जांच और पूछताछ में सामने आए कमलेश तिवारी वाले बिंदु का जिक्र था। जिसके अनुसार उबेद मिर्जा ने कबूला किया था कि उन लोगों के हैंडलर ने उन्हें कमलेश तिवारी का वह वीडियो दिखाया था, जिसमें वह पैगंबर मोहम्मद पर अमर्यादित बयान दे रहे थे। इसी के बाद हैंडलर ने कहा था कि.. हम लोगों को इसे मार डालना है।

एसटीएफ को भी लगाया गया, 48 घंटें में पकड़े जाएंगें हत्‍यारे: DGP

वहीं इस मामले में आज दोपहर डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि पुलिस के साथ ही हत्‍यारों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को लगाया गया है। पुलिस को कुछ क्‍लू मिलें हैं, हत्‍यारों को 48 घंटें के अंदर पकड़ लिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि ये दो लोगों द्वारा कि गयी आपराधिक घटना है। कमलेश तिवारी के साथ दोनों ने हत्‍या से पहले आधे घंटें से ज्‍यादा का समय बिताया था, इससे साफ होता है कि कमलेश तिवारी उन्‍हें जानते थे। हत्‍यारों के पकड़े जाने पर मामला पूरी तरह से साफ हो जाएगा कि उन्‍होंने हत्‍या क्‍यों की थी।

शहर में तनाव, डिप्‍टी सीएम को करना पड़ा विरोध का सामना

दूसरी ओर कमलेश तिवारी की हत्‍या के बाद उनके समर्थकों में पुलिस प्रशासन को लेकर रात तक रोष बरकरार रहा। समर्थकों ने इसको लेकर कई जगह प्रदर्शन व नारेबाजी भी कर रहे थे। वहीं आज शाम कमलेश तिवारी के घर पहुंचें डिप्‍टी सीएम दिनेश शर्मा को भी कमलेश के परिजनों व समर्थकों की नाराजगी का सामना करना पड़ा।

रात में गठित की गयी एसआइटी

पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के लाख प्रयासों के बाद भी मामला संभलता नहीं देख हत्‍या की जांच के लिए आइपीएस अफसर के नेतृत्‍व में एसआइटी गठित कर दी गयी। इसकी जानकारी संयुक्‍त रूप से मीडिया को देते हुए अपर मुख्‍य सचिव गृह व डीजीपी ने बताया कि एसआइटी में आइजी रेंज लखनऊ एसके भगत, एसपी क्राइम दिनेश पुरी व सीओ एसटीएफ पीके मिश्रा शामिल हैं।

सुरक्षाकर्मी ने रोका था हत्‍यारों को: डीजीपी

वहीं पुलिस की लापरवाही के आरोप पर डीजीपी का कहना था कि कमलेश तिवारी को कई महीना पहले ही सुरक्षा दी गयी थी। जिसके तहत उन्‍हें गनर के अलावा स्‍थानीय थाने से भी सुरक्षाकर्मी उपलब्‍ध कराया गया था। घटना के समय एक सुरक्षाकर्मी घर के नीचे ही तैनात था, जिसने हत्‍यारों को रोका था और फिर कमलेश तिवारी से पूछकर ही उनको अंदर जाने दिया था।

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