आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को दिनदहाड़े हुई एक वारदात ने हड़कंप मचा दिया। यहां की नाका कोतवाली क्षेत्र की खुर्शेदबाग कॉलोनी स्थित हिंदू समाज पार्टी के मुख्यालय में अध्यक्ष कमलेश तिवारी की बेरहमी से हत्या कर दी गयी। गला चाकू से रेतने के साथ ही चेहरे पर गोली मारने की बात सामने आयी है।
सूचना पाकर मौके पर पहुंचें एडीजी एसएन सांवत, आइजी एसके भगत, एसएसपी कलानिधि नैथानी समेत पुलिस के अन्य अधिकारियों की शुरूआती छानबीन में पता चला है कि हत्यारे कमलेश के जानने वाले थे, जो उनसे मिलने मिठाई का डिब्बा लेकर पहुंचें थे। डिब्बे में असलहा व चाकू था, जिससे कमलेश की हत्या की गयी। घटना से पहले लगभग आधे घंटें तक हत्यारों ने कमलेश तिवारी से बातचीत भी की थी। इस सनसनीखेज हत्या के बाद इलाके में तनाव है। हत्या के पीछे सुरक्षा में तैनात पुलिस की लापरवाही भी सामने आयी है।
साथ ही हत्या का कनेक्शन गुजरात से जुड़ता दिखाई दे रहा है। हत्यारों द्वारा लाया गया मिठाई का डिब्बा सूरत के उद्योगनगरी स्थित मिठाई की दुकान का था। पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है। आशंका ये भी जतायी जा रही है कि बर्बतापूर्वक की गयी इस हत्या के पीछे आतंकी संगठन आइएसआइएस का भी हाथ हो सकता है। कुछ समय पहले एटीएस को इस बारे में इनपुट भी मिले थे।
लग चुका था रासुका
कमलेश तिवारी की पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ विवादित बयान देने के मामले में गिरफ्तारी हो चुकी थी। वह जमानत पर रिहा चल रहे थे। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने हाल ही में कमलेश पर लगी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) हटाई थी। वहीं मामले की जांच कर रही पुलिस के अनुसार हत्या आपसी रंजिश को लेकर की गयी है।
बताया जा रहा है कि खुर्शेदबाग कॉलोनी में हिंदू समाज पार्टी का मुख्यालय है। आज दोपहर दो लोग मिठाई का डिब्बा लेकर उनसे मिलने पहुंचें थे। घटना के चश्मदीद कार्यालय के नौकर सौराष्ट्र सिंह ने मीडिया को बताया कि कमलेश तिवारी की सुरक्षा में लगा गनर आज आया नहीं था, जबकि सुरक्षा में बाहर तैनात सिपाही सो रहा था। उसने बिना जांचें दो लोगों को कार्यालय के अंदर भेज दिया। उन लोगों ने कमलेश तिवारी के साथ दही बड़ा खाया और फिर चाय पी। एक ने भगवा कपड़ा पहन रखा था। इस दौरान उसे गुटखा लेने भेज दिया गया।
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सौराष्ट्र के बाहर जाने के बाद घात लगाए बदमाशों ने कमलेश पर हमला बोल दिया। उनकी गर्दन रेतने के साथ ही शरीर पर करीब दर्जनभर जगह चाकू से वारकर घायल करने के अलावा चेहरे पर गोली मार दी। कुछ देर बाद सौराष्ट्र वापस लौटा तो कमलेश तिवारी रंक्तरंजित अवस्था में जमीन पर पड़े थे, जबकि दोनों हमलावर वहां से भाग चुके थे। लोगों ने उन्हें ट्रामा सेंटर पहुंचाया जहां उनकी मौत हो गयी।
बढ़ाई नहीं गयी सुरक्षा, सौ नंबर पर भी नहीं लगा फोन
सौराष्ट्र के अनुसार कमलेश तिवारी बार-बार पुलिस से सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे थे, लेकिन इसे अनसुना कर दिया गया। अपनी जान पर मंडराते खतरे को महसूस कर कमलेश तिवारी ने सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी सुरक्षा का मुद्दा उठाया था, हालांकि उसके बाद भी उनकी हत्या कर दी गयी। सौराष्ट्र ने बताया कि घटना के बाद वो बार-बार सौ नंबर पर कॉल करता रहा, लेकिन आधे घंटें तक फोन ही नहीं लगा।
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बंद कराई गयीं दुकानें
वहीं हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष के हत्या की खबर लगते ही पुलिस महकमें जहां हड़कंप मच गया। कमलेश तिवारी के समर्थकों ने भी आक्रोशित होकर इलाके की दुकानों को बंद कराने के साथ ही नारेबाजी की।
मोर्चा संभालने के लिए पुलिस-RAF तैनात
सूचना पाकर मौके पर और ट्रॉमा सेंटर पहुंची पुलिस ने छानबीन करने के साथ ही शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। समर्थकों के गुस्से को देखते हुए घटनास्थल के आसपास के साथ ही पोस्टमॉर्टम के दौरान मॉच्युरी के बाहर भी अपनी टीम के साथ कई पुलिस अधिकारी तैनात रहें।
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हालांकि इसके बाद भी समर्थकों ने मॉच्युरी के पास सड़क जाम करनेे के साथ ही रोडवेज बस पर पथराव कर उसके शीशे तोड़ दिए। समर्थकों को बेकाबू होते देख पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद उन्हें सड़क से हटाया। अयोध्या विवाद की सुनवाई के बाद आने वाले फैसले व मामले की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र में आरएएफ भी तैनात की गयी है।
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एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि घटना के खुलासे व हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए दस टीमें लगायीं गईं हैं। अब तक की छानबीन से लग रहा है कि परिचितों ने ही आपसी रंजिश के चलते कमलेश तिवारी की हत्या की है। घटना से पहले उन लोगों ने कमलेश तिवारी से काफी देर बाचतीत भी की थी। मौके से एक असलहा बरामद किया गया है। घटनास्थल की जांच के लिए पुलिस व फॉरेंसिक की टीम भी बुलाई गयी है। साथ ही कमलेश तिवारी की कॉल डिटेल और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवाई जा रही है।