आगरा में भाईयों का विवाद सुलझाने गए दारोगा की खेत में गोली मारकर हत्‍या, आरोपित फरार

दारोगा की हत्‍या
घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंची पुलिस अफसरों की टीम।

आरयू संवाददाता, आगरा। बुधवार रात एक बार फिर यूपी पुलिस को खुली चुनौती दी गयी है। आगरा के खंदौली क्षेत्र स्थित नहर्रा गांव में सगे भाईयों का विवाद सुलझाने पहुंचे दारोगा प्रशांत कुमार यादव (35) की गोली मारकर मनबढ़ ने हत्या कर दी है। आलू खुदाई के विवाद को लेकर भाई की शिकायत पर सिपाही चंद्रसेन के साथ दारोगा मौके पर पहुंचे थे।

सरेशाम एसआइ की दुस्‍साहासिक हत्‍या की जानकारी लगते ही आगरा से लेकर लखनऊ डीजीपी कार्यालय तक हड़कंप मच गया। स्‍थानीय पुलिस के साथ ही एडीजी जोन आगरा राजीव कृष्‍ण, आइजी रेंज आगरा ए सतीश गणेश, एसएसपी बब्‍लू कुमार समेत पुलिस के तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। देर रात तक पुलिस की कई टीमें हत्‍यारोपित भाई की तलाश में उसके संभावित ठीकानों पर छापेमारी कर रही थीं।

बताया जा रहा है कि गांव नहर्रा निवासी विजय सिंह पहलवान के दो बेटे हैं। विजय सिंह ने अपनी पत्‍नी को छोड़ रखा है। बड़ा बेटा शिवनाथ सिंह उनके साथ रहता है। छोटा बेटा विश्‍वनाथ सिंह मां के साथ रहता है। खेत के तीन हिस्से हुए थे। एक हिस्सा विजय सिंह ने अपने पास रखा था। बड़े भाई शिवनाथ ने उसमें आलू की फसल बोई थी।

बुधवार को खुदाई को लेकर विवाद हो गया। छोटे बेटे विश्‍वनाथ ने यह कहा कि पिता के हिस्से का आधा आलू मां को मिलेगा। सुबह से इस बात पर दोनों भाइयों के बीच विवाद चल रहा था। आलू की खुदाई हो गई थी। पूरा आलू बड़े भाई शिवनाथ को मिलना था, क्योंकि उसने फसल बोई थी।

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विवाद की सूचना मिलने पर खंदौली थाने से दरोगा प्रशांत कुमार यादव और सिपाही चंद्रसेन खेत पर पहुंचे। इस दौरान छोटा भाई विश्‍वनाथ सिंह तमंचा लहराते हुए मजदूरों को धमका रहा था। विश्‍वनाथ के हाथ में तमंचा देख दरोगा ने साहस दिखाया। पीछा करके उसे दबोचने का प्रयास किया तो वह खेत में भागने लगा। दारोगा प्रशांत कुमार ने पीछा करना जारी रखा तो विश्‍वनाथ ने तमंचे से गोली चला दी। गोली दारोगा की गर्दन में लगी। गोली चलते ही खेत पर अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर थाने से फोर्स पहुंच गई। लहूलुहान हालत में दरोगा प्रशांत कुमार को अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच के बाद डॉक्‍टरों ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया।

शिवनाथ ने थाने पर की थी धमकाने की शिकायत

एडीजी जोन आगरा राजीव कृष्‍ण ने बताया कि आलू को लेकर दो भाईयों का आपस में विवाद था। शिवनाथ ने थाने पर सूचना दी थी कि विश्‍वनाथ उनको धमका रहें हैं। सूचना पर एसआइ प्रशांत व कांस्‍टेबल चंद्रसेन मौके पर पहुंचे थे। एसआइ को देखते ही विश्‍वनाथ भागने लगा बहादुरी दिखाते हुए उसे पकड़ने के लिए जैसे ही संब इंस्‍पेक्‍टर उसके पास पहुंचे तभी अवैध असलहे से विश्‍वनाथ ने उन्‍हें गोली मार दी और भाग निकला। विश्‍वनाथ के लिए पुलिस की कई टीमें लगा दी हैं और जल्‍द ही उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

दारोगा की हत्‍या

नौकरी व मिलेगी 50 लाख की आर्थिक सहायता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा में सब-इंस्पेक्टर की शहादत पर परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही शहीद दरोगा के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि दरोगा के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। शहीद एसआइ के नाम पर सड़क का नामकरण भी किया जाएगा। साथ ही सीएम ने दारोगा की हत्या करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

2015 बैच के दारोगा थे प्रशांत

शहीद दारोगा प्रशांत कुमार यादव वर्ष 2015 बैच में नियुक्‍त हुए थे। मूलत: बुलंदशहर के गांव छतारी के निवासी थे। उनके घर पर सूचना पहुंचते ही कोहराम मच गया। परिवार के लोग आगरा के लिए रवाना हो गए हैं।

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